इंडो-डच तकनीक से स्थापित होगा प्रदेश का पहला सेंटर आफ एक्सीलेंस

  • इंडो-डच सेंटर आफ एक्सीलेंस से सब्जी व फूलों की खेती में आएगा क्रांतिकारी बदलाव : दिनेश प्रताप सिंह

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उद्यान विभाग द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों से किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। इसी क्रम में उद्यान विभाग के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ने जा रही है। उद्यान विभाग बाराबंकी में इंडो-डच प्रोजेक्ट की स्थापना करने जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश में नीदरलैंड (डच) के सहयोग से स्थापित होने वाला पहला सेंटर आफ एक्सीलेंस होगा।

उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में शासकीय मंत्री आवास पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में इंडो-डच प्रोजेक्ट की स्थापना को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। यह महत्वाकांक्षी परियोजना जनपद बाराबंकी के त्रिवेदीगंज क्षेत्र के गांव सोनिकपुर में प्रस्तावित है, जिसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि जनपद बाराबंकी में लगभग सात हेक्टेयर भूमि में इंडो-डच तकनीक से सब्जी और फूलों का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित होने जा रहा है।

यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस उद्यान के क्षेत्र में राज्य के किसानों को समृद्धि की ओर ले जाने में बड़ा सहायक होगा। उन्होंने बताया कि यह उत्तर प्रदेश में (डच) के सहयोग से स्थापित होने वाला पहला प्रोजेक्ट होगा, जो किसानों को वैश्विक स्तर की तकनीक प्रदान करेगा और उनकी आमदनी में गुणात्मक वृद्धि करेगा। उन्होंने परियोजना की सराहना करते हुए इसे शीघ्र ही भूमि पर क्रियान्वित करने की बात कही। साथ ही नीदरलैंड (डच) के एक्सपर्ट जोप वैन बालेन और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में इस सहयोग को और सशक्त बनाने की बात कही।

यह सब्जी और फूलों की खेती का इंडो डच सेंटर आफ एक्सीलेंस सुल्तानपुर हाइवे पर स्थित होगा, जिससे रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, लखनऊ सहित पूरे प्रदेश के किसान लाभान्वित होंगे। नीदरलैंड (डच) के एक्सपर्ट जोप वैन बालेंन ने बैठक में डच टेक्नोलॉजी के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण कर मिट्टी, पानी, जलवायु तथा निर्यात का अध्ययन कर लिया गया है।

इस प्रोजेक्ट से हाई-वॉल्यूम क्रॉप्स जैसे टमाटर, कलर्ड शिमला मिर्च, खीरा एवं विविध फूलों की उन्नत खेती की जा सकेगी, आधुनिक सब्जी नर्सरी की स्थापना की जा सकेगी व किसानों को प्रायोगिक स्तर पर डेमोंस्ट्रेशन एवं प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी। बैठक में उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. राजीव वर्मा, जिला उद्यान अधिकारी बाराबंकी सहित वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

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