
- फर्जी वसीयत, कोर्ट आदेश की अवहेलना और भूमाफिया से सांठगांठ — पूरनपुर तहसील पर लगे गंभीर आरोप
पूरनपुर, पीलीभीत । पूरनपुर तहसील में ₹60 लाख की कथित रिश्वत लेकर विवादित भूमि की रजिस्ट्री कराने और न्यायालय के स्थगन आदेश की अनदेखी करने के मामले में ADM ऋतु पुनिया ने तत्कालीन तहसीलदार और तत्कालीन SDM को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
नोटिस में पूछे गए सीधे सवाल — क्यों कुचला गया कोर्ट का आदेश ?
ADM द्वारा जारी किए गए दो अलग-अलग नोटिसों में प्रशासनिक लापरवाही और न्यायिक आदेश की अवहेलना पर कड़ी आपत्ति जताई गई है:
तत्कालीन तहसीलदार से सवाल किया गया है :
फर्जी वसीयत के आधार पर बिना यथास्थिति आदेश का सम्मान किए रजिस्ट्री कैसे कर दी गई? मृतक सत्य प्रकाश देओल की संपत्ति का नामांतरण किस आधार पर हुआ?
तत्कालीन SDM से पूछा गया है :
क्यों नहीं सुनिश्चित किया गया कि स्थगन आदेश का पालन हो? पीड़ित पक्ष द्वारा दायर आपत्तियाँ क्यों दरकिनार की गईं?
दोनों अधिकारियों को 48 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया है, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
पूरा प्रकरण — जब ₹60 लाख में ‘बिकी’ जमीन और न्याय
पूरनपुर निवासी निशा देओल ने आरोप लगाया कि उनके पति की मृत्यु के बाद जो संपत्ति उनके और बेटे अतरिक्ष देओल के नाम दर्ज थी, उस पर उनके जेठ और उनके परिवार ने फर्जी वसीयत के ज़रिए कब्जा करने की कोशिश की।
16 दिसंबर 2022 को न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था, बावजूद इसके 2024 में विवादित भूमि की रजिस्ट्री अवैध रूप से कर दी गई।
शिकायत में यह भी दावा किया गया है कि ₹60 लाख की रिश्वत देकर डिप्टी रजिस्ट्रार और तहसील अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन की रजिस्ट्री अवतार सिंह, अभिषेक गुप्ता, खुशबू गुप्ता और मोहम्मद जीशान के नाम की गई।
ADM का ऐक्शन — अब कोई नहीं बचेगा !
जैसे ही मामला ADM ऋतु पुनिया के पास पहुँचा, उन्होंने तुरंत 8 अप्रैल 2025 को जांच के आदेश दिए और फिर 9 अप्रैल को दो नोटिस जारी करते हुए पूरे घटनाक्रम की जवाबदेही तय करने की पहल की।
यह पहली बार है जब किसी उच्चाधिकारी ने इस गंभीर मामले में जिम्मेदार अफसरों से जवाब माँगा है।
SDM की सफाई, लेकिन अब सवाल प्रशासन से !
वर्तमान SDM पूरनपुर अजीत प्रताप सिंह का कहना है कि, “यह प्रकरण मेरे कार्यकाल से पूर्व का है। जांच चल रही है और जो तथ्य सही होंगे, उस पर कार्रवाई की जाएगी।