फतेहपुर : अपराध नियंत्रण में फेल थानेदारों पर चला एसपी का हंटर

  • लंबे समय से सूखा झेल रहे कई दरोगाओं का वनवास समाप्त, थानो का मिला चार्ज
  • एक दागी को भी मिल गई थाना प्रभारी की जिम्मेदारी
  • अपराध नियंत्रण में फेल रहे दरोगा भी दोबारा पा गए थानो की कमान

फतेहपुर । अपराध नियंत्रण में फेल और अवैध वसूली को लेकर कुख्यात हो चुके जनपद के थानो पर जमे कई घाघ थानेदारों पर एसपी का हंटर चला है ! एसपी धवल जायसवाल ने इन कलंदर थानेदारों को लाइन का रास्ता दिखाया है जबकि कई नए लोगों को थाने की जिम्मेदारी दी है वहीं कई निरीक्षक, उपनिरीक्षकों का लंबे समय से चल रहा वनवास भी समाप्त हुआ है। एसपी को गुमराह करके अपराध नियंत्रण में फेल रहे एक दो पुराने थानेदारों को भी चार्ज मिल गया है जबकि एक दागी की भी तैनाती कर दी गई है !

आपको बता दें कि सोमवार देर रात एसपी ने कई थानाध्यक्षों को पैदल कर दिया है जिनमें ललौली के थानाध्यक्ष वृंदावन राय, थरियांव थानाध्यक्ष अरविंद राय, राधानगर थानाध्यक्ष रमेश पटेल और असोथर थानाध्यक्ष विनोद मौर्य शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि ललौली और राधानगर के थानाध्यक्ष ने ओवरलोड की एंट्री से अकूत संपत्ति बनाई है अगर इनकी संपत्ति की जांच हो जाए तो लंबे नपेंगे ! राधानगर थानाध्यक्ष का पूर्व से विवादों से नाता रहा है मगर सिस्टम की कृपा से थाना चलता रहा ! हालांकि ललौली थानाध्यक्ष वृंदावन राय का हटना अखरी कांड से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

वहीं असोथर थानाध्यक्ष विनोद मौर्य भी अपराध नियंत्रण में लगभग फेल रहे। कमरे के अंदर से थानेदारी करने वाले विनोद मौर्य ओवरलोड की वसूली से लेकर कई आरोपों प्रत्यारोपों के बीच सजातीय आका के आशीर्वाद से लंबे समय तक डटे रहे। कुछ यही हाल थरियांव थाने की कमान संभाले रहे अरविंद राय की भी रही, थानेदारी की शुरुआत से ही विवादों से नाता रहा।

कारखासों की लंबी लिस्ट वाले ये महाशय दोनो हाथ से मलाई खाते रहे ! अपराध नियंत्रण में फेल रहे अरविंद राय के कारखास क्या सही क्या गलत देखे बिना पीड़ितों को ही परेशान करते रहे ! हद तो तब हो गई जब महाकुंभ के दौरान एक मृतक के शरीर से चेन तक गायब करने का आरोप इनकी थानेदारी के कार्यकाल में लगा ! वहीं चर्चा यह भी है कि भाजपा नेता की आत्महत्या के पीछे भी इनके शागिर्द ही कारण बने ! शायद इसी वजह से इनको थानेदारी से हाथ धोना पड़ा ! वहीं सुल्तानपुर घोष थानाध्यक्ष राजेंद्र त्रिपाठी को गैर जनपद तबादला होने पर लाइन भेजकर रिलीव किया गया है।

जबकि खनन माफियाओं से करीबी को लेकर चर्चा में आए जहानाबाद थानाध्यक्ष अमित सिंह को हुसेनगंज थानाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं थानाध्यक्ष हुसेनगंज सत्यपाल सिंह को अपराध नियंत्रण में फेल ( लूट का खुलासा न कर पाने की वजह से ) जहानाबाद थाने भेजकर ईनाम दिया गया है। थानाध्यक्ष धाता रहे आलोक पांडे को थरियांव थाने का प्रभारी बनाकर भेजा गया है जबकि सदर कोतवाली में अपराध निरीक्षक रहे श्याम सुंदर श्रीवास्तव को बकेवर थाने का थानाध्यक्ष बनाया गया है। प्रभारी डीसीआरबी दिनेश मिश्रा को राधानगर थाने की अहम जिम्मेदारी दी गई है।

थाना बिंदकी में तैनात रहे उपनिरीक्षक अंकुर कैथवास को पहली बार जनपद में चार्ज मिला है जिन्हें धाता थाने का थानाध्यक्ष बनाया गया है। थानाध्यक्ष मलवा अभिलाष तिवारी को असोथर थाने का प्रभारी बनाकर भेजा गया है। निरीक्षक लान सिंह को साइबर थाने का प्रभारी बनाया गया है जबकि साइबर थाने के प्रभारी रहे कृष्ण प्रताप सिंह को अपराध शाखा भेजा गया है।

दागी को मिली थाने की कमान, जंग खा रहे कई दरोगाओं का सूखा हुआ खत्म !

एसपी धवल जायसवाल के हंटर चलने पर कई थाने खाली हुए हैं जिसमें लंबे समय से सूखा झेल रहे इंस्पेक्टर शमशेर बहादुर सिंह को मलाईदार थाने ललौली का प्रभारी बनाया गया है जबकि एसआई अनिरुद्ध द्विवेदी को हथगांव थाने की जिम्मेदारी दी गई है। अपराध नियंत्रण में फेल होने पर पूर्व में खागा कोतवाली से हटाए गए तेज बहादुर सिंह को सुल्तानपुर घोष थाने का प्रभारी बनाया गया है।

वहीं एसपी को गुमराह करके राधानगर थाने में पीट पीटकर दलित युवक की हत्या में आरोपी रहे मझिलगांव चौकी इंचार्ज विकास सिंह को मलवा थाने का प्रभारी बनवा दिया गया है ! हालांकि तैनाती को लेकर एसपी धवल जायसवाल का कहना है कि जो अपराध नियंत्रण में फेल होगा उस पर कार्रवाई होगी ! दागी की तैनाती को लेकर उन्होंने कहा कि जानकारी में नहीं है इसको दिखवाते हैं !

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