
- ग्राम प्रधान ने दिव्यांगों को भी नहीं छोड़ा, हज़ारों की वसूली, कोई कार्रवाई नहीं
पूरनपुर,पीलीभीत। “प्रधानमंत्री आवास योजना” – नाम सुनते ही गरीबों के चेहरे पर उम्मीद की रौशनी आती है। लेकिन पीलीभीत की पूरनपुर तहसील में यह योजना अब भ्रष्टाचार और लूट-खसोट का जरिया बन चुकी है।
दिव्यांग से लिया 5 हज़ार, न सर्वे हुआ, न आवास मिला
ग्राम सुआबोझ के दिव्यांग युवक लाखन पुत्र रामदीन ने बताया कि ग्राम प्रधान ने एक वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने के नाम पर ₹5,000 की रिश्वत ली थी। लेकिन आज तक न तो कोई सर्वे हुआ, न आवास मिला और न ही पैसे वापस किए गए।
दूसरा मामला भी सामने आया, वही प्रधान, वही चालबाज़ी
लाखन की शिकायत से पहले भी शनिवार को सम्पूर्ण समाधान दिवस में एक और दिव्यांग, सर्वश कुमार, ने ग्राम प्रधान पर यही आरोप लगाया था – ₹5,000 की रिश्वत लेकर आवास न देने का। दो दिव्यांगों की एक जैसी शिकायत क्या सिर्फ संयोग है, या किसी गहरी साजिश का हिस्सा?
जांच के नाम पर लीपापोती ?
एसडीएम अजीत प्रताप सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए खंड विकास अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि जब लगातार एक ही व्यक्ति पर आरोप लग रहे हैं, तो कार्रवाई कब होगी? क्या प्रशासन सिर्फ शिकायतें सुनता रहेगा या वाकई में कुछ करेगा?
दिव्यांगों को भी नहीं छोड़ा – शर्मनाक है ये सिस्टम
जिस योजना का उद्देश्य गरीब, जरूरतमंद और दिव्यांगों को छत मुहैया कराना था, वही अब भ्रष्टाचार की छतरी बन गई है। ग्राम प्रधान द्वारा दिव्यांगों से की जा रही खुलेआम वसूली सिस्टम की उस सड़ांध को दिखाती है, जिसमें गरीब की आवाज़ सिर्फ कागजों में रह जाती है।
अब जनता पूछ रही है – कब होगी सख्त कार्रवाई ?
ग्रामीणों में रोष है। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर कब तक प्रधानों की मनमानी और रिश्वतखोरी यूं ही चलती रहेगी? अब वक्त है कि प्रशासन सिर्फ “जांच” नहीं, “एक्शन” दिखाए – ताकि योजनाएं गरीबों तक पहुंचे, न कि भ्रष्टों की जेब में।