बागपत। जिले में एक 84 वर्षीय विधवा महिला, जगवती को उसके मृतक पति की करोड़ों रुपए की जमीन से वंचित कर दिया गया है। महिला ने बताया कि बागपत तहसील के एसडीएम अविनाश त्रिपाठी ने जानबूझकर उसके पति मानसिंह को अपने दस्तावेजों में अविवाहित दिखा दिया और उसकी जमीन का हेरा-फेरी कर दी।
जगवती का पति 9 साल पहले गुजर गया था और उनके पास 3 बीघा कृषि भूमि थी, जिसका कोई वारिस नहीं था। महिला का आरोप है कि बड़े अफसरों के साथ मिलकर इस संपत्ति पर काबिज होने के लिए एक साजिश रची गई। उन्होंने बताया कि उनके पति की मृत्यु के बाद, एसडीएम ने न तो मृत्यु प्रमाण पत्र मांगा और न ही वारिसान के दस्तावेजों की जांच की।
यह पूरी घटना तब उजागर हुई जब जगवती डीएम अस्मिता लाल के पास जाकर अपनी परेशानी सुनाई। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पति की 50 वर्षों तक सेवा की, लेकिन अब अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। जगवती ने डीएम से मांग की है कि दोषी एसडीएम और अन्य सूत्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।

जगवती ने कहा, “यह सब सिर्फ मेरे पति के हिस्से की जमीन को हडपने के लिए किया गया है। एसडीएम ने जानबूझकर मेरे हिस्से और आजीविका के एकमात्र साधन को मुझसे छीन लिया है।”
इस मामले में जगवती के रिश्तेदार उमेश कुमार ने भी अपनी बात रखी और कहा कि यह पूरी घटना न्याय के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। क्या बागपत की प्रशासनिक मशीनरी इस सुनवाई में न्याय प्रदान करेगी? यह तो समय ही बताएगा।