
ईसानगर, लखीमपुर खीरी। आर्थिक शोषण और सामाजिक उपेक्षा की पीड़ा झेल रहे एक विकलांग युवक की व्यथा उस समय सबके सामने आ गई जब वह ज़मीन पर घिसटते हुए इंसाफ की आस में धौरहरा कोतवाली पहुंचा। इंस्पेक्टर ने उसकी बात गंभीरता से सुनते हुए जल्द न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।
धौरहरा कोतवाली क्षेत्र के ग्राम शेखन पुरवा निवासी 40 वर्षीय शादाब अहमद पुत्र मुन्ना, जो पूर्ण रूप से विकलांग हैं, सोमवार को अपनी समस्या लेकर कोतवाली पहुंचे। ज़मीन पर घिसटते हुए जैसे-तैसे कोतवाली पहुंचना ही उनके साहस और बेबसी की कहानी खुद बयां कर रहा था।
शादाब अहमद ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया कि गांव के ही लकड़ी ठेकेदार नफीस खां से उन्होंने घरेलू कार्यों के लिए सुखी जलावन लकड़ी खरीदने हेतु करीब एक वर्ष पूर्व 12,000 रुपये एडवांस में दिए थे। लेकिन नफीस ने न तो अब तक लकड़ी उपलब्ध कराई और न ही रुपये वापस किए। जब भी उनसे पैसे या लकड़ी की मांग की जाती है तो ठेकेदार अभद्र भाषा का प्रयोग करता है और मारपीट पर उतारू हो जाता है।
शादाब ने रोते हुए पुलिस से गुहार लगाई कि विकलांगता के कारण वह मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालना भी मुश्किल से कर पाते हैं। लकड़ी या रकम न मिलने से उनका काफी नुकसान हो चुका है। उन्होंने पुलिस से आग्रह किया कि उनकी मजबूरी और पीड़ा को समझते हुए उन्हें न्याय दिलाया जाए।
युवक की हालत देखकर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुरेश मिश्रा ने मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए उसे आदरपूर्वक कुर्सी पर बैठाया और उसकी शिकायत को गंभीरता से संज्ञान में लिया। इंस्पेक्टर मिश्रा ने आश्वस्त किया कि मामले में निष्पक्ष जांच कर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जल्द से जल्द शादाब को उनका पैसा वापस दिलाया जाएगा।