
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा “डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना” की सौगात पशुपालकों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। देश में लगातार बढ़ती दूध और दुग्ध उत्पादों की मांग को ध्यान में रखते हुए इस योजना के माध्यम से मुख्यमंत्री उद्यमिता विकास कार्यक्रम की नींव रखी गई है।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
- योजना के तहत 25 दुधारू पशुओं की एक इकाई स्थापित की जाएगी।
- हर इकाई में सभी गायें या सभी भैंसें होंगी और एक ही प्रजाति की होंगी।
- एक इकाई की अधिकतम लागत ₹42 लाख तक निर्धारित।
- 8 इकाईयों (अर्थात् 200 दुधारू पशु) तक का लाभ उठाने की पात्रता।
✅ पात्रता की शर्तें
- मध्यप्रदेश का स्थायी निवासी होना अनिवार्य।
- आवेदक की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण जरूरी होगा (प्रशिक्षण हेतु सरकारी दिशा-निर्देश जल्द जारी होंगे)।
- हर इकाई के लिए कम से कम 3.50 एकड़ कृषि भूमि होनी चाहिए। पारिवारिक भूमि भी उपयोग में लाई जा सकती है, सहमति के साथ।
इनको मिलेगी प्राथमिकता
- वर्तमान में दुग्ध संघों को दूध सप्लाई कर रहे पशुपालक।
- मौजूदा या नए मिल्क रूट से जुड़ने वाले हितग्राही।
- योजना के तहत एक से अधिक इकाई लेने वालों को अपनी सुविधा अनुसार भिन्न प्रजातियों की इकाई चुनने की आज़ादी होगी (जैसे उन्नत देशी गाय, संकर गाय, भैंस)।
पुन: लाभ की सुविधा
- एक बार ऋण चुकता करने के बाद हितग्राही अगली बार भी योजना का लाभ ले सकते हैं, बशर्ते कि दो ऋणों के बीच कम से कम 2 वर्ष का अंतर हो।
आवेदन की प्रक्रिया
- योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य होगा।
- सरकार की ओर से जल्द ही आवेदन पोर्टल व दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।