
भास्कर ब्यूरो
फरीदपुर, बरेली। जिले के थाना फतेहगंज पूर्वी क्षेत्र के गांव करतोली में रविवार की रात हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने न सिर्फ स्थानीय जनमानस को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि कानून-व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। खेत में बने एक छोटे से झोपड़े में सो रहे 50 वर्षीय किसान धनपाल की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस अभी तक हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
इस निर्मम हत्या ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आम आदमी की जान अब पुलिस व्यवस्था की प्राथमिकता में कहीं नहीं है। एक किसान, जो अपने खेत की रखवाली कर रहा था, उसे रात के अंधेरे में मौत की नींद सुला दिया गया और पुलिस को भनक तक नहीं लगी।
गांव करतोली निवासी श्रीराम का बेटा धनपाल, अपनी उम्र के पचासवें पड़ाव पर था। वह कई सालों से अपनी ससुराल करतोली गांव में ही रह रहा था। उसकी पत्नी और परिवार के सदस्य बिलसंडा अपने पैतृक गांव गए हुए थे और वह अकेला खेत में बनी झोपड़ी में सो रहा था। यह झोपड़ी ही उसकी दुनिया थी और खेत ही उसका सपना। मगर न तो सपनों की कोई कीमत बची है और न ही मेहनतकशों की जिंदगी की।
धनपाल को गोली मारने वाले कौन थे, क्यों आए और कैसे खुलेआम हत्या कर निकल गए-इन सवालों का जवाब अभी तक पुलिस के पास नहीं है। लेकिन यह घटना साफ-साफ चीख-चीखकर कह रही है कि अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वे खेतों में सोते किसानों को भी नहीं छोड़ रहे।
जब सुबह ग्रामीण खेतों की ओर निकले तो उन्होंने झोपड़ी में धनपाल को खून से लथपथ पड़ा पाया। गांव में एक ही पल में चीख-पुकार मच गई, हर कोई स्तब्ध रह गया। ग्रामीणों ने फौरन पुलिस को सूचना दी, लेकिन स्थानीय पुलिस हमेशा की तरह देरी से पहुंची। मौके पर पहुंचकर महज औपचारिकता निभाई गई, जैसे कि यह कोई मामूली हादसा हो।
क्या एक किसान की हत्या अब पुलिस के लिए महज एक संख्या बन गई है? क्या इंसाफ सिर्फ रसूख वालों के हिस्से में ही आएगा? आम आदमी की जिंदगी का कोई मोल नहीं बचा? थाना क्षेत्र की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया, लेकिन हत्यारों की तलाश के नाम पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। हर बार की तरह जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। न कोई संदिग्ध पकड़ा गया, न कोई सुराग मिला।