लखीमपुर : नवीन गल्ला मंडी में घटतौली का आरोप, भड़के किसानों ने मंडी परिसर में किया जोरदार हंगामा

मैगलगंज, लखीमपुर खीरी। जिले की मैगलगंज क्षेत्र की नवीन गल्ला मंडी में रविवार को उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब किसान अपनी फसल की तौल में भारी अंतर को लेकर आक्रोशित हो उठे। किसानों ने मंडी परिसर में कर्मचारियों पर जानबूझकर घटतौली करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, किसान पवन सिंह की गेहूं से भरी ट्रॉली मंडी परिसर में तौल के दौरान 102 कुंतल निकली, जबकि बाहर के धर्मकांटे पर वही ट्रॉली 110 कुंतल तौली गई। वजन में 8 कुंतल के इस भारी अंतर से नाराज़ किसानों ने मंडी परिसर में एकत्र होकर मंडी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की और घटतौली पर सख्त कार्रवाई की माँग की।

किसानों ने आरोप लगाया कि मंडी में यह कोई नया मामला नहीं है, बल्कि यह सिलसिला काफी समय से चला आ रहा है। किसानों के मुताबिक, हर बार मशीन की खराबी का बहाना बनाकर उनकी फसल का सही मूल्य नहीं दिया जाता और उनका आर्थिक शोषण किया जाता है।

किसान पवन सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा:

“हमारे पसीने की कमाई पर मंडी में बैठे लोग डाका डाल रहे हैं। एक ही ट्रॉली का वजन दो कांटों पर इतना अलग कैसे हो सकता है? जब सरकारी कांटों में ही घटतौली होगी तो विश्वास किस पर किया जाए, यह तो सीधी चोरी है!”

विवाद बढ़ता देख मंडी कर्मचारियों ने मौके पर पहुँचकर कांटे पर ‘खराब’ होने का नोटिस चस्पा कर दिया। हालांकि किसानों ने इस कदम को बहाना बताया और कहा कि जब भी घटतौली का मामला सामने आता है, मंडी प्रशासन मशीन की खराबी की दलील देकर बच निकलता है।

मंडी समिति के सचिव नरेश कुमार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा:

“बीते 3 अप्रैल को मंडी के कांटे में तकनीकी समस्या आई थी, जिसे मरम्मत करवा दिया गया था। अब एक बार फिर तकनीकी गड़बड़ी की वजह से वजन में फर्क सामने आया है। इस संबंध में लखनऊ मुख्यालय को शिकायत भेज दी गई है और कल शाम तक कर्मचारी आकर कांटे को दुरुस्त कर देंगे।”

उन्होंने यह भी बताया कि अब तक मंडी से एफसीआई को नियमित रूप से गेहूं भेजा जा रहा था और इस तरह की समस्या पहले नहीं आई थी। सचिव के अनुसार, मंडी के कांटे उप निदेशक विद्युत यांत्रिक इलेक्ट्रॉनिक, लखनऊ द्वारा स्थापित किए गए हैं और वहीं से उनकी मरम्मत भी की जाती है।

सचिव ने तौल व्यवस्था पर सफाई देते हुए बताया कि मंडी में तौल कार्य की जिम्मेदारी मुकेश, इंदल और दिवाकर नामक प्रभारियों पर है। घटना के समय ड्यूटी पर दिवाकर तैनात थे, उनके बाद मुकेश ने जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले की पूरी जानकारी एसडीएम को दे दी गई है और मंडी मुख्यालय को भी सूचित कर दिया गया है।

किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा:

“हमें केवल जांच नहीं, बल्कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहिए। यदि मंडी में यह लूट जारी रही तो किसान सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।”

यह घटना एक बार फिर मंडी व्यवस्था की पारदर्शिता और किसानों के हितों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है।

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