
मणिपुर के भाजपा विधायक टी. रोबिन्द्रो ने शनिवार को दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और जल्द ही नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मैतेई और कुकी समुदायों के बीच शांति वार्ता शुरू हो चुकी है, जिससे राज्य में लंबे समय से चल रही जातीय अशांति के समाधान की उम्मीद जगी है।
शांति प्रक्रिया की ओर सकारात्मक कदम
काकचिंग जिले में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक रोबिन्द्रो ने कहा,
“कानून-व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। हमें पूरा विश्वास है कि केंद्र जल्द से जल्द मणिपुर में नई सरकार का गठन करेगा। मैतेई और कुकी समूहों के बीच शांति वार्ता प्रारंभ हो गई है। निकट भविष्य में दोनों समुदायों के विधायकों के बीच भी बातचीत की संभावना है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाजपा विधायकों के बीच नेतृत्व को लेकर किसी प्रकार का मतभेद नहीं है और सभी विधायक राज्य की एकता और अखंडता के पक्ष में खड़े हैं।
“हम मणिपुर का विभाजन नहीं होने देंगे”
थंगा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रोबिन्द्रो ने स्पष्ट किया,
“हमारे बीच कोई असहमति नहीं है। हम सब एकजुट हैं और मणिपुर का विभाजन नहीं होने देंगे। राज्य के लिए हम सभी एक स्वर में काम करने को तैयार हैं।”
मणिपुर में जातीय हिंसा की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि मई 2023 में मणिपुर के मैतेई और कुकी समुदायों के बीच भयंकर जातीय हिंसा भड़की थी।
इसका कारण मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का निर्देश था, जिसके विरोध में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया। इसके बाद फैली हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू
लगभग एक साल तक तनावपूर्ण स्थिति के बाद, 9 फरवरी 2025 को तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया। इसके चार दिन बाद, 13 फरवरी 2025 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।
हालांकि मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है, उसे निलंबित कर दिया गया है और प्रशासन फिलहाल केंद्र सरकार के अधीन चल रहा है।