फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र कैम का नया खुलासा, इंदौर की कंसल्टेंसी को तीन बार भेजा था बायोडाटा

इंदौर : दमोह के मिशनरी अस्पताल में सात मरीजों की मौत के मामले में गिरफ्तार फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम को लेकर एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। इंदौर स्थित एक प्रतिष्ठित रोजगार कंसल्टेंसी फर्म के निदेशक पंकज सोनी ने जानकारी दी है कि कैम ने वर्ष 2020, 2023 और 2024 में तीन बार नौकरी के लिए ईमेल के माध्यम से आवेदन किया था।

पंकज सोनी के अनुसार, उनकी फर्म देशभर के अस्पतालों के लिए डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती करती है। जब पहली बार वर्ष 2020 में कैम का बायोडाटा उनके पास पहुंचा, तो उसमें कई नामी विदेशी संस्थानों से जुड़े अनुभवों का उल्लेख था। बावजूद इसके, वह भारत में नौकरी की तलाश कर रहा था, जो संदेहास्पद लगा।

फर्म ने आगे बताया कि कैम का बायोडाटा उन्हें 2023 और 2024 में भी मिला था, लेकिन संदेह के चलते उन्होंने उसे आगे नहीं बढ़ाया। अब दमोह कांड के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि कैम एक फर्जी डॉक्टर था, जिसने वर्षों तक अपनी पहचान और डिग्रियों को लेकर धोखाधड़ी की।

इस नए खुलासे से स्पष्ट है कि नरेंद्र कैम ने अपने फर्जीवाड़े को लंबे समय से योजनाबद्ध तरीके से अंजाम देने की कोशिश की थी। अब जांच एजेंसियां उसके पूरे नेटवर्क और अन्य संभावित ठिकानों की छानबीन में जुट गई हैं।

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