
- मुख्य सचिव से हुई शिकायत
लखनऊ । योगी सरकार फर्जीवाड़ा करने वालों पर सख्त है। और संज्ञान में आने के बाद कठोर कार्रवाई भी करती है। इसके बावजूद भी नटवर लाल प्रवृति के लोग विभागों में साक्ष्यों और सबूतों के छिपाते हुए, धोखा देखकर अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं। लेकिन एक झूठी कामयाबी का पर्दाफाश कभी न कभी हो ही जाता है।
और खुलासे के बाद जांच में दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई देखने को मिलती है। ताजा मामला राजधानी लखनऊ में सचिवालय के MSME विभाग से सामने आया है। जिसके संबंध में शिकायतकर्ता गौरव कसौधन ने जांच के संबंध में मुख्य सचिव यूपी शासन को जांच के लिए पत्र लिखित शिकायत की है। पत्र में लिखा है, कि मूलचंद गुप्ता जो अयोध्या जनपद के रहने वाले हैं। और वर्तमान में समीक्षा अधिकारी सचिवालय MSME विभाग में कार्यरत हैं।

शिकायतकर्ता ने मूलचंद गुप्ता को पूर्व में TET परीक्षा 2018 में पेपर सॉल्वर गैंग के आरोप में पुलिस ने आधा दर्जन आरोपियों के साथ जेल भेजा था। पुलिस FIR में 419,420,467,468, 120बी आईपीसी की धाराओं में कोतवाली सिटी जनपद हरदोई में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय CJM कोर्ट में विचाराधीन है। सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के पद पर नौकरी पाने के दौरान इस अपराध को छिपाया गया है। जो सरकार के साथ अपराध श्रेणी में आता है।
इस पूरे मामले पर फोन के माध्यम से समीक्षा अधिकारी मूलचंद गुप्ता से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, मूलचंद ने अपना पक्ष रखने से मना करते हुए कहा यह हमारा परिवारिक मामला है।

क्या गंभीर धाराओं में जेल जाने के बाद आरोपी समीक्षा अधिकारी बन सकते हैं ?
लखनऊ हाइकोर्ट बार कॉन्सिल,संयुक्त सचिव प्रशासन, एडवोकेट देवीनदन पांडे इस मामले में कानून रूप से बताते हैं, कि अगर अभियोग गंभीर धाराओं में दर्ज है। और आरोपी जेल भी जा चुका है। आरोप पत्र न्यायालय जा चुका है। घटना क्रम के बाद पुलिस वेरिफिकेशन में तथ्य और सबूतों को छिपा कर सरकारी नौकरी पाई है। तो यह अपराध है। इस मामले को विभाग संज्ञान में लेकर मूलचंद गुप्ता को तत्काल सस्पेंड कर जांच शुरू करनी चाहिए, दोषी पाए जाने पर मुकदमा दाखिल कराकर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए