
लखीमपुर खीरी के गोला नगर में बीते कुछ समय से फास्ट फूड और जंक फूड की दुकानों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है। विशेषकर अलीगंज रोड अब दर्जनों फास्ट फूड और जंक फूड स्टॉल तथा रेहड़ियों का प्रमुख केंद्र बन गई है, जहाँ सुबह से देर रात तक ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। पिज़्ज़ा, बर्गर, चाऊमीन, मोमो, समोसे, डीप फ्राईड स्नैक्स और मिठाई जैसे अनहेल्दी खाद्य पदार्थों की मांग निरंतर बढ़ रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इन फास्ट फूड और जंक फूड में प्रयुक्त ट्रांस फैट, अत्यधिक नमक, चीनी और तीखे मसालों का सेवन शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक है। इससे मोटापा, अपच, एसिडिटी, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएँ तो आम हो ही रही हैं, साथ ही हार्ट अटैक, स्ट्रोक, डायबिटीज़, फैटी लीवर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियाँ भी तेजी से बढ़ रही हैं।
स्थानीय नागरिकों की मानें तो युवा और बच्चे इस प्रकार के जंक फूड और फास्ट फूड के आदी होते जा रहे हैं, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। कई दुकानों पर स्वच्छता का घोर अभाव है और अधिकांश स्टॉल बिना किसी लाइसेंस या स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के संचालित हो रहे हैं।
गोला सीएचसी के प्रभारी डॉ. गणेश का कहना है, “फास्ट फूड और जंक फूड लंबे समय में शरीर के लिए धीमा ज़हर साबित हो सकते हैं। ये न सिर्फ शारीरिक रोगों को जन्म देते हैं, बल्कि मानसिक तनाव और नींद की कमी जैसी समस्याओं को भी बढ़ाते हैं। युवाओं को घर के बने संतुलित और पोषक भोजन की ओर लौटना चाहिए।”
दुर्भाग्यवश, अब तक नगर निगम या खाद्य विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। न ही दुकानों की नियमित जाँच हो रही है और न ही अवैध स्टॉलों पर कोई प्रतिबंध लगाया गया है। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि नगर में स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा मानकों को लागू किया जाए, बिना लाइसेंस दुकानों को बंद किया जाए और जनता को इस विषय में जागरूक किया जाए।
यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में गोला नगर एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर सकता है। ज़रूरत है कि स्वाद की जगह अब स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए।