
[ फाइल फोटो ]
झांसी। थाना उल्दन क्षेत्र के ग्राम पलरा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के महज 10 मिनट के भीतर छह साल के मासूम बच्चे ऋतिक कुशवाहा की मौत हो गई। परिजनों ने इस मौत का जिम्मेदार झोलाछाप डॉक्टर महेश चंद्र श्रीवास को ठहराया है, जो वर्षों से गांव-गांव घूमकर इलाज करता आ रहा है।
जानकारी के अनुसार, पलरा निवासी गौतम चंद्र कुशवाहा के बेटे रितिक (6) की तबीयत हल्की खराब थी। शुक्रवार सुबह लगभग 11 बजे उन्होंने गांव में ही इलाज करने वाले तथाकथित डॉक्टर महेश चंद्र श्रीवास को बुलाया। डॉक्टर ने बच्चे को दो सीसी दवा पीने के लिए दी और एक टैबलेट देकर वहां से चला गया। लेकिन दवा पीने के कुछ ही मिनटों बाद रितिक के मुंह से झाग निकलने लगा और वह अचेत हो गया।
परिजन घबराकर तुरंत उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बंगरा लेकर पहुंचे, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस दर्दनाक घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। मासूम की मौत के बाद परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है और थाना उल्दन में शिकायती पत्र देकर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी दिनेश कुरील और चौकी प्रभारी साजेस कुमार मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मऊरानीपुर भेज दिया है और मामले की जांच प्रारंभ कर दी है।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल –
इस घटना ने एक बार फिर झोलाछाप डॉक्टरों की कार्यशैली और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्षेत्र के कई गांवों में वर्षों से ऐसे झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम इलाज कर रहे हैं, लेकिन आज तक इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। गांव के लोग जानकारी के अभाव में इन डॉक्टरों पर भरोसा कर लेते हैं, जिसका नतीजा कभी-कभी जानलेवा साबित होता है।
परिजनों की मांग है कि झोलाछाप डॉक्टर महेश चंद्र श्रीवास के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। ग्रामीणों ने भी प्रशासन से अपील की है कि ऐसे अवैध डॉक्टरों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए।