
[ फाइल फोटो ]
झांसी। बड़ागांव थाना क्षेत्र के दिगारा गांव निवासी 66 वर्षीय शंकर अहिरवार की एक सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई। शंकर दिव्यांग थे और बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के पास ई-रिक्शा पर गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, नमकीन आदि बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे।
घटना मंगलवार सुबह की है जब वह रोज की तरह अपना ई-रिक्शा लेकर घर से निकला था। जैसे ही वह बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के सामने पहुंचा, पीछे से तेज रफ्तार में आ रही लाल रंग की एक कार ने जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि शंकर गंभीर रूप से घायल हो गया। राहगीरों की मदद से मेडिकल कॉलेज ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
मृतक के भाई आनंद ने बताया कि शंकर की जिंदगी मुश्किलों भरी रही। लगभग 30 साल पहले एक सड़क हादसे में शंकर दिव्यांग हो गए थे। इसके बाद उनकी पत्नी ने उन्हें छोड़ दिया। फिर करीब 15 साल पहले एक अन्य सड़क हादसे में उनके इकलौते बेटे नरेंद्र की भी मौत हो गई। इसके बाद से ही शंकर अकेले अपने बहू और पोता-पोती की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। शंकर की मौत से पूरे परिवार में मातम का माहौल है। बहू और बच्चे बेसहारा हो गए हैं।