पीलीभीत: शेरपुर कलां पंचायत में भ्रष्टाचार का खेल, लाखों रुपए के घपले को दबा रहे अधिकारी

भास्कर ब्यूरो
पूरनपुर,पीलीभीत। ग्राम पंचायत शेरपुर कलां विकास खंड पूरनपुर में ग्राम विकास और मनरेगा योजनाओं के तहत हुए कार्यों को लेकर बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। तत्कालीन कार्यवाहक ग्राम प्रधान जावेद खान ने जिलाधिकारी पीलीभीत को शिकायती पत्र सौंपकर पंचायत में वर्ष 2024-25 के अगस्त से लेकर अब तक लाखों रुपये के फर्जी भुगतान का खुलासा किया है।

शिकायत के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं

₹2,48,851 का भुगतान उस नाली निर्माण पर दिखाया गया जो पहले ही ODF योजना से बन चुकी थी। बाद में उसी जगह इंटरलॉकिंग भी डलवाई गई।

₹30,837 उस सड़क के नाम पर निकाले गए, जिस पर वर्ष 2014-15 में ही खड़ंजा लग चुका है।

₹2,72,971 की धनराशि एक ऐसे कार्य पर खर्च बताई गई जो पंचायत की वार्षिक कार्य योजना में था ही नहीं, और मौके पर उसका कोई अस्तित्व भी नहीं है।

₹1,10,792 बिना किसी खुली बैठक, योजना या प्रस्ताव के निकाल लिए गए।

एक सड़क पर पहले से बनी RCC रोड और ODF योजना की नाली के बाद भी ₹4,48,399 का भुगतान दिखाकर गबन किया गया।

₹6,02,557 रुपये नाली और स्लैब के नाम पर निकाल लिए गए, लेकिन मौके पर या तो कार्य अधूरा है या फिर पूरी तरह अनुपस्थित।

साफ-सफाई के नाम पर महज दो माह में ₹7,49,903 की रकम खर्च की गई, जिसमें कई संदिग्ध और गैर-संबंधित लोगों के खातों में पैसे गए। ग्राम विकास अधिकारी के निजी सहयोगी, किराना दुकानदारों और फर्जी मजदूरों को भी भुगतान दर्शाया गया है।

इतना ही नहीं 17,000 एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर जारी किया गया जिसका कोई रिकॉर्ड ही नहीं है – उसे वेंडर फीड कर फर्जी भुगतान दर्शाया गया।

₹1,20,500 मिट्टी भराव पर खर्च दिखाया गया, जबकि मौके पर कोई कार्य नहीं हुआ।

₹69,650 टुक-टुक मरम्मत के नाम पर निकाला गया, जबकि वाहन कभी गांव में सक्रिय ही नहीं रहा।

₹4,500 इन्वर्टर पर और ₹12,300 कंप्यूटर मरम्मत पर खर्च दिखाया गया, जबकि पंचायत भवन में न तो कंप्यूटर है और न इन्वर्टर की जरूरत।

शिकायतकर्ता ने अपनी अर्जी के साथ सभी बाउचर, भुगतान रसीदें, कार्य योजना की प्रति और फोटोग्राफ संलग्न करते हुए मांग की है कि मामले की जांच तकनीकी पांच सदस्यीय समिति से कराई जाए और ग्राम प्रधान व सचिव के वित्तीय अधिकार तत्काल प्रभाव से सीज किए जाएं।

अब देखना है कि जिलाधिकारी इस शिकायत पर कितनी गंभीरता दिखाते हैं और क्या वाकई पीलीभीत की ये पंचायत भ्रष्टाचार की कब्रगाह साबित होती है या फिर किसी कार्रवाई से पहले सबूतों की ही अर्थी उठा दी जाएगी।

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