
सऊदी अरब की सरकार ने हाल ही में 14 देशों के नागरिकों के लिए कुछ वीज़ा कैटेगरी को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. इस निर्णय के केंद्र में भीड़ प्रबंधन है, जो विशेष रूप से हज जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों के दौरान एक बड़ी चुनौती बन जाती है. भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों से लाखों श्रद्धालु हर साल उमराह और हज के लिए मक्का जाते हैं, लेकिन इस बार स्थिति थोड़ी अलग है.
रिपोर्टों के अनुसार, उमराह, पारिवारिक यात्रा और व्यापार वीज़ा पर अस्थायी रोक लगाई गई है. सऊदी प्रशासन का दावा है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि कई तीर्थयात्री विजिट या उमराह वीज़ा पर आकर हज में भाग लेते हैं, जो नियमों के खिलाफ है. इससे व्यवस्थाएं चरमराने लगती हैं और सुरक्षा का जोखिम बढ़ जाता है.
2024 की त्रासदी का असर
सऊदी सरकार के इस कड़े रुख के पीछे 2024 की हज यात्रा में हुई त्रासदी है, जिसमें 1,000 से अधिक श्रद्धालु जान गंवा बैठे थे. अधिकांश मौतें अनाधिकारिक तीर्थयात्रियों और असहनीय गर्मी के चलते हुई थीं. उस भयावह अनुभव के बाद सऊदी प्रशासन अब किसी भी तरह की लापरवाही से बचना चाहता है और इस बार तैयारी को पहले से ज्यादा सख्त बना रहा है.
मोहम्मद बिन सलमान की कड़ी चेतावनी
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने साफ शब्दों में प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि हज यात्रा के दौरान किसी भी अनियमितता को बर्दाश्त न किया जाए. उनका फोकस है कि सिर्फ रेजिस्टर्ड, ऑथराइज़्ड और सुरक्षित तीर्थयात्रियों को ही प्रवेश दिया जाए ताकि पूरी प्रक्रिया व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न हो सके.
यात्रा की उम्मीदें फिलहाल स्थगित
13 अप्रैल से यह वीज़ा निलंबन लागू होगा और जून में हज समापन तक जारी रहेगा. यह रोक भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मिस्र, इंडोनेशिया, इराक सहित कुल 13 देशों पर स्पष्ट रूप से लागू है. इस निर्णय ने लाखों श्रद्धालुओं की योजनाओं पर ब्रेक लगा दिया है, लेकिन प्रशासन का मानना है कि यह निर्णय लंबे समय में सुरक्षा और व्यवस्था दोनों के लिए जरूरी है.