
क्या कर के मानेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप? सोमवार को जब एशिया के शेयर बाजार खुले तो शायद हर निवेशक के मन में यही सवाल रहा होगा. डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ बम ऐसा फटा कि भारत समेत पूर एशिया के शेयर बाजार धराशायी हो गए.
भारत के शेयर बाजारों में भी जबरदस्त गिरावट देखने को मिली और सिर्फ 10 सेकंड में निवेशकों के 20 लाख करोड़ रुपये डूब गए. सेंसेक्स 3,340.45 अंक की गिरावट के साथ 72,024 और निफ़्टी 931.90 अंक की गिरावट के साथ 21,972 पर खुला. साथ ही रुपया भी कमजोर हुआ और 30 पैसे गिरकर 85.74 पर पहुंच गया.
डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने अमेरिका में बाहर से आने वाले सामानों पर 26% टैक्स भारत पर और 10% टैक्स बाकी देशों पर लगाया है. उनका कहना है कि ये टैक्स अमेरिकी कंपनियों को मजबूत करने के लिए जरूरी हैं. उन्होंने कहा, “ये टैक्स एक कड़वी दवा की तरह हैं, जो बीमारी ठीक करने के लिए ज़रूरी होती है.”
बाजार क्यों गिरे?
ट्रंप के इस फैसले से डरकर निवेशकों ने शेयर बेचने शुरू कर दिए, जिससे बाजार नीचे गिरने लगे. एशिया के बाजारों में भी भारी बिकवाली हुई. इससे चीन, जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान और हांगकांग में भी अधिकतर 10 प्रतिशत तक का भारी नुकसान हुआ है. साथ ही अमेरिका की नैस्डैक भी 6 प्रतिशत तक फिसल गई है. पिछले कुछ दिनों से भारी गिरावट दर्ज कर रहे अमेरिकी बाजार जब सोमवार को खुलेंगे, तो बड़ा नुकसान हो सकता है.
क्या मंदी आने वाली है?
कुछ जानकारों का मानना है कि ट्रंप के इस कदम से दुनिया में आर्थिक मंदी आ सकती है. बाजार लगातार गिर रहे हैं और ट्रंप पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आयात पर भारी टैक्स (टैरिफ) लगाए हैं, जिससे दुनिया के शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
फाइनेंस एक्सपर्ट जिम क्रेमर ने बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियां पूरे विश्व को हिलाकर रख दिया है. अगर यही हाल रहा तो 1987 के ‘ब्लैक मंडे’ जैसी ही तबाही दोहरा सकती है. उनका कहना है कि ट्रंप की टैरिफ नीति पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को गहरे संकट में डाल सकती है. इंडियन शेयर मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा ने बताया कि भारत को घरेलू कारणों से नहीं, बल्कि अमेरिका की वजह से नुकसान हो रहा है.