अलविदा जुमे की नमाज में कानून का सख्त पहरा

  • एसएसपी की दूरदर्शी रणनीति ने बिगड़ते मंसूबों को किया नाकाम
  • सड़कों पर उतरी पुलिस, फ्लैग मार्च से दिखाया दम
  • ड्रोन से निगरानी, सोशल मीडिया पर भी सख्त पहरा

बरेली। इस बार बरेली में अलविदा जुमे की नमाज केवल इबादत तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह पुलिस की मुस्तैदी, जबरदस्त फ्लैग मार्च और सख्त सुरक्षा व्यवस्था का भी गवाह बनी। जहां आम जनता शांति और अमन-चैन से रही, वहीं शरारती तत्वों के मंसूबे पूरी तरह धरे के धरे रह गए।
पुलिस ने इस बार सुरक्षा का नया मानक तय किया। एसएसपी अनुराग आर्य के नेतृत्व में पुलिस, पीएसी और दंगा नियंत्रण बल की तैनाती इतनी प्रभावी थी कि किसी को भी गड़बड़ी करने से पहले सौ बार सोचना पड़ा। हर गली, हर चौराहे पर सुरक्षा का कड़ा पहरा था। पुलिस के सख्त रवैये ने न केवल माहौल को शांत बनाए रखा, बल्कि शहरवासियों में सुरक्षा का भरोसा भी बढ़ाया।
अलविदा जुमे की नमाज से पहले ही पुलिस ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया था। संवेदनशील इलाकों की पहचान कर वहां सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई थी। फ्लैग मार्च के दौरान एसएसपी अनुराग आर्य खुद सड़कों पर उतरे और पूरी टीम के साथ शहर के संवेदनशील इलाकों का दौरा किया। इस दौरान पुलिस बल के जवान बुलेटप्रूफ जैकेट में पूरी तैयारी के साथ नजर आए।
पुलिस की मौजूदगी इतनी प्रभावी थी कि किसी भी संदिग्ध को हरकत करने का मौका नहीं मिला। बरेली में कानून और प्रशासन की शक्ति का ऐसा प्रदर्शन हुआ कि शहर में डर और अशांति की जगह विश्वास और शांति का माहौल कायम रहा।
इस बार पुलिस ने केवल जमीन पर नहीं, बल्कि आसमान से भी सुरक्षा का कड़ा पहरा लगाया। ड्रोन कैमरों के जरिए संवेदनशील इलाकों की निगरानी की गई, जिससे पुलिस को दूर से ही संदिग्ध गतिविधियों का पता चलता रहा।
इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी पुलिस की पैनी नजर रही। साइबर सेल ने हर अफवाह और भड़काऊ पोस्ट को तत्काल हटाने की रणनीति अपनाई। भ्रामक और भड़काऊ सामग्री फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी गई, जिससे किसी भी तरह की गलत सूचना से माहौल बिगड़ने की कोई गुंजाइश नहीं रही।
पुलिस की रणनीति के तहत प्रमुख चौक-चौराहों पर भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। बाजारों में क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) को हर स्थिति के लिए तैयार रखा गया। दंगा नियंत्रण वाहन हर वक्त सड़कों पर तैनात रहे, ताकि किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में तत्काल कार्रवाई की जा सके।एसएसपी के निर्देश पर हर छोटी-बड़ी घटना पर नजर रखने के लिए पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई थी। इस सख्ती का असर यह हुआ कि अलविदा जुमे की नमाज पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई और शहर में अमन-चैन बरकरार रहा।एसएसपी और अन्य अधिकारियों ने नमाज से पहले स्थानीय लोगों से संवाद किया और शांति बनाए रखने की अपील की। पुलिस प्रशासन और जनता के इस सामूहिक प्रयास का असर यह हुआ कि हर समुदाय ने पुलिस का पूरा सहयोग किया।
इस पहल से यह साफ हो गया कि जब प्रशासन और जनता एकजुट होते हैं, तो किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। पुलिस की सक्रियता और जनता की समझदारी से इस बार अलविदा जुमे की नमाज बिना किसी विवाद के संपन्न हुई।एसएसपी अनुराग आर्य की रणनीति इस बार पूरी तरह सफल रही। उन्होंने न केवल कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कठोर कदम उठाए, बल्कि आम जनता के बीच सुरक्षा का विश्वास भी जगाया।उनकी कार्यशैली ने यह साबित कर दिया कि यदि पुलिस प्रशासन मुस्तैदी से अपने कर्तव्य का पालन करे, तो किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सकता है।

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