
भास्कर ब्यूरो
संभल। संभल शाही मस्जिद के प्रमुख जफर अली के मामले की सुनवाई आज होने वाली है, जिसके चलते संभल में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस हाई अलर्ट पर है, खासकर इसलिए क्योंकि संभल में इस बार नेजा मेला नहीं लग रहा है।
इसके अलावा हाल ही में मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद जेल में उनकी जान को खतरे की आशंका जताई जा रही है, और उनके परिजनों ने दावा किया है कि उन्हें मुरादाबाद जेल में जफर अली से मिलने की इजाजत नहीं दी गई।
आज, 27 मार्च को उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली की जमानत याचिका पर जिला कोर्ट में सुनवाई हो रही है। यह मामला पिछले साल 24 नवंबर 2024 को मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा से जुड़ा है, जिसमें 4 लोगों की मौत हुई थी, और कई घायल हुए थे, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे। जफर अली को बीती 23 मार्च को विशेष जांच टीम (SIT) ने गिरफ्तार किया था, और उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है। पुलिस का दावा है कि जफर अली ने सर्वे की जानकारी मिलने के बाद भीड़ को उकसाया और अफवाहें फैलाईं, जिससे तनाव बढ़ा।
हालांकि, जफर अली और उनके समर्थक इन आरोपों को खारिज करते हैं। उनके भाई ताहिर अली ने कहा है कि जफर ने प्रशासन की मदद की थी और उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। संभल के वकीलों ने भी उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया था, इसे अन्यायपूर्ण बताया है। दूसरी ओर, प्रशासन ने सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए नेजे मेले पर रोक लगा दी है, संभल में भारी पुलिस बल तैनात किया है।
जफर अली की जमानत पर आज कोर्ट में सबूतों और दोनों पक्षों की दलीलों के आधार पर फैसला होगा। उनके वकील उनका बचाव करते हुए कह रहे हैं कि वह बेकसूर हैं, जबकि अभियोजन पक्ष के पास हिंसा में उनकी भूमिका के पुख्ता सबूत होने का दावा किया जा रहा है। यह मामला संभल में तनाव का कारण बना हुआ है, और कोर्ट का फैसला क्षेत्र की शांति पर असर डाल सकता है।