
बड़कोट/पुरोला: प्रमुख वन संरक्षक कपिल लाल ने जंगलों के आसपास के गांवों के युवाओं, वन पंचायतों और वन कर्मियों के बीच बेहतर समन्वय बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वनाग्नि से गांवों और बस्तियों को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होना चाहिए, इसके लिए सभी को सतर्क रहना होगा।
कपिल लाल ने जिला वनाग्नि नियंत्रण नोडल अधिकारी के रूप में बड़कोट, पुरोला और मोरी में वन कर्मियों के साथ वनाग्नि नियंत्रण कार्यों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि वनाग्नि नियंत्रण के लिए स्थानीय लोगों के साथ मिलकर ठोस रणनीति तैयार करनी होगी।
बड़कोट में कपिल लाल ने यमुना वन प्रभाग की नौगांव रेंज अंतर्गत डामटा क्रू स्टेशन, बरनीगाड़ क्रू स्टेशन, मुग़रसन्ति रेंज के सौली क्रू स्टेशन और प्रभाग के मास्टर कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। इसके अलावा गोविंद पशु विहार पार्क क्षेत्र के सांकरी, रूपीन, सुपीन और टौंस प्रभाग के सांद्रा, जरमोला, ठडीयार, आराकोट, हुडोली और डडूंग सहित डेढ़ दर्जन से अधिक क्रू-स्टेशनों का निरीक्षण किया।
पुरोला में कपिल लाल ने डीएफओ आरएन पांडेय और रविंद्र पुडीर के साथ बैठक की और जंगलों में आग रोकने के उपायों पर चर्चा की। इस अवसर पर पार्क की उप निदेशक निधि सेमवाल, एसडीओ कार्तिकेय, रेंज अधिकारी बुद्धि प्रकाश, गौरव अग्रवाल और सेवाराम आदि उपस्थित रहे।
वनाग्नि नियंत्रण के इस महत्वपूर्ण प्रयास में स्थानीय समुदाय, वन कर्मियों और पंचायतों के सहयोग की आवश्यकता है, ताकि जंगलों और बस्तियों को आग के संकट से बचाया जा सके।