
- एचएसआरपी प्लेट लगाने में कानपुर 45 प्रतिशत के साथ रहा अव्वल
- पूरे उत्तर प्रदेश में केवल अब 28 प्रतिशत ही लग सकी एचएसआरपी प्लेट
- वर्ष 2019 से पूर्व 13 लाख वाहन थे पंजीकृत, जिनकी संख्या बढ़ कर हुई डेढ गुनी
कानपुर। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2019 से पूर्व पंजीकृत वाहनों की संख्या 13 लाख थी, जो अब बढ़कर अधिक हो गई है। कानपुर में एचएसआरपी लगाने की दर 45 प्रतिशत है, जो राज्य में सबसे अधिक है। वहीं, उत्तर प्रदेश के समग्र आंकड़े की बात करें तो केवल 28 प्रतिशत वाहनों में एचएसआरपी लगी है, जो कि निर्धारित लक्ष्य से काफी कम है।
कानपुर के एआरटीओ प्रशासन के आलोक कुमार सिंह ने बताया कि एचएसआरपी लगवाना सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “यदि कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त होता है और उस पर एचएसआरपी लगी होती है, तो वाहन स्वामी की जानकारी तुरंत उपलब्ध हो जाती है।” इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि यदि वाहन में एचएसआरपी नहीं लगी है, तो पहली बार पकड़े जाने पर 5 हजार रुपये और दूसरी बार पकड़े जाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
1 अप्रैल, 2019 से एचएसआरपी प्लेट लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है, जोकि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सकारात्मक प्रभाव डालता है। वाहन स्वामी एचएसआरपी प्लेट बुक करने के लिए www.siam.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं और निर्धारित शुल्क ऑनलाइन जमा करके अपनी एचएसआरपी प्लेट बुक कर सकते हैं।
एचएसआरपी प्लेट न लगने पर मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत धारा 177 में चालान और धारा 152 के अंतर्गत वाहन को जब्त करने की कार्रवाई भी की जा सकती है। एआरटीओ प्रशासन के अनुसार, वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था कि बिना एचएसआरपी प्लेट लगे किसी वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर उसे कोई भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा। इस आदेश के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए 1 अप्रैल, 2019 से एचएसआरपी प्लेट को वाहनों में लगवाना अनिवार्य कर दिया।
इस तरह, कानपुर में एचएसआरपी की बढ़ती जागरूकता और उपयोगिता पर जोर दिया जा रहा है, जिससे वाहन स्वामियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।