
- खंड शिक्षा अधिकारी की बेबसी, थानेदार नहीं लिख रहे मुकदमा
- शिक्षक ने 9 साल तक किया नौकरी, बीएसए ने किया था बर्खास्त
- आरोपित शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्र, कूटरचित प्रमाण पत्रों
- दस्तावेजों के आधार पर किया नौकरी, अभी तक नहीं दर्ज हुआ मुकदमा
भास्कर ब्यूरो
महराजगंज। जिले में एक और फर्जी शिक्षक की बर्खास्तगी की चर्चा इन दिनों सुर्खियां बटोर रही है, लेकिन इस मामले में अब तक मुकदमा दर्ज नहीं होने को लेकर शिक्षा विभाग सवालों के घेरे में है। ओंकार चौधरी नामक शिक्षक, जो पिछले नौ वर्षों से फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहा था, को बर्खास्त कर दिया गया है, लेकिन अब तक उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, ओंकार चौधरी के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद तत्कालीन बीएसए प्रदीप कुमार शर्मा ने उसे बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद उसकी हाईस्कूल के अंकपत्र और प्रमाण पत्र की जांच संबंधित परीक्षा बोर्ड से कराई गई। तेलंगाना हैदराबाद के सहायक संयुक्त सचिव और निदेशक ने बताया कि ओंकार चौधरी के प्रमाण पत्र की टैली करने पर उनके नाम का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, जिससे उसकी फर्जीवाड़े की पुष्टि हो गई।
इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी सिसवा ने भी जांच की और आरोपित शिक्षक को नोटिस जारी कर अपना स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया, लेकिन वह न तो कार्यालय में उपस्थित हुए और न ही कोई स्पष्टीकरण दिया। इसके बाद भी शिक्षक ने कोई साक्ष्य या अभिकथन प्रस्तुत नहीं किया। विभाग ने इसे गंभीरता से लिया और बर्खास्तगी की प्रक्रिया पूरी की। बीएसए प्रदीप कुमार शर्मा ने आरोपित शिक्षक की नियुक्ति को निरस्त कर दिया।

हालांकि, बर्खास्तगी के बावजूद फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने के आरोप में शिक्षक के खिलाफ कोई मुकदमा अब तक दर्ज नहीं किया गया है। इस पर शिक्षा विभाग की उदासीनता पर सवाल उठने लगे हैं। कुछ लोग यह भी मान रहे हैं कि शायद विभागीय दबाव के कारण मुकदमा दर्ज नहीं हो रहा है।
खंड शिक्षा अधिकारी बंशीधर सिंह ने इस संबंध में बताया कि “हम कई बार थाने गए हैं, लेकिन संबंधित थाने के जिम्मेदार मुकदमा दर्ज करने में सहयोग नहीं कर रहे हैं। पुलिस वाले बदमाशी कर रहे हैं और कह रहे हैं कि हम क्या करें। हम जो कर सकते हैं, वह कर चुके हैं। फिलहाल, हम जल्द ही मुकदमा दर्ज करवा देंगे।”
इस मामले में थानाध्यक्ष कोठीभार, अखिलेश सिंह ने बताया कि “एक महीने पहले शिक्षा विभाग के लोग हमारे पास आए थे, और हमने उन्हें बताया कि इस मामले में आदेश के अनुसार मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा।”
इस मामले ने अब एक नई दिशा पकड़ ली है, जहां शिक्षा विभाग की कार्यशैली और पुलिस विभाग के सहयोग की कमी पर सवाल उठने लगे हैं। अब देखना यह होगा कि क्या शीघ्र ही आरोपी शिक्षक पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा या यह मामला और लंबा खिंचेगा।