
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां साईं बाबा के मंदिर में एक कुत्ते की समाधि बनाई गई है। अब इस समाधि के पास मूर्ति लगाने की भी योजना है। शायद आपने यूपी के झांसी में ‘कुतिया महारानी’ के मंदिर के बारे में सुना होगा, लेकिन अब बुरहानपुर में भूरू बाबा नामक कुत्ते की समाधि बनाई गई है। यह वही मंदिर है जहां साईं बाबा की मूर्ति भी रखी गई है। मंदिर समिति का दावा है कि भक्त सबसे पहले भूरू बाबा की समाधि का दर्शन करते हैं, फिर साईं बाबा के दर्शन करते हैं।
बुरहानपुर के लालबाग रेलवे स्टेशन के पास स्थित श्री साईं बाबा मंदिर में मंदिर समिति ने भूरू बाबा की समाधि बनाई है। मंदिर समिति के सुनील भामरे ने बताया कि भूरू बाबा का जन्म 13 अप्रैल 2013 को इस मंदिर में हुआ था और उनकी मृत्यु 27 जनवरी 2025 को हुई। इसके बाद उनकी समाधि यहां बनाई गई, और अब उनकी मूर्ति लगाने की तैयारी की जा रही है।
भूरू बाबा, जो सफेद रंग का कुत्ता था, का नाम मंदिर में रखा गया था और उसे खंडेराव महाराज का दर्जा दिया गया था। भक्त जब मंदिर आते थे, तो सबसे पहले वे भूरू बाबा के दर्शन करते थे, फिर साईं बाबा के दर्शन करते थे। जब भूरू बाबा का निधन हुआ, तो बड़ी संख्या में लोग उनकी समाधि पर आए और उनकी पूजा की। आज भी भक्त पहले भूरू बाबा की पूजा करते हैं, फिर साईं बाबा की।
भूरू बाबा का मंदिर से गहरा लगाव था और उनका जीवन 13 साल तक शांति से बीता। उन्होंने कभी किसी को नहीं काटा, और जब वे थोड़े रूठ जाते थे, तो लोग उन्हें मनाने के लिए मंदिर समिति के सदस्यों से भोजन मांगते थे।
जब भूरू बाबा की तबीयत बिगड़ी और नाक में इन्फेक्शन हो गया, तो उनका इलाज महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बड़े अस्पतालों में कराया गया, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा और उनका निधन हो गया। उनके साथ बच्चे खेलते थे, लेकिन उन्होंने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।
अब, भूरू बाबा की पूजा और श्रद्धा मंदिर में एक अहम हिस्सा बन चुकी है, और उनकी मूर्ति लगाने की तैयारी की जा रही है।