
हरदोई । स्टेट बैंक सहित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के अधिकारी व कर्मचारी 24 और 25 मार्च को देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगे। यह हड़ताल भारतीय बैंक संघ व सरकार की नीतियों के विरोध में हो रही है, जो बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के अधिकारों एवं बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित कर रही हैं।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की स्थानीय इकाई द्वारा कर्मचारी यूनियन एआईबीईए के राकेश पाण्डेय, अधिकारी संगठन एआईबीओसी के अनूप सिंह, कर्मचारी संगठन एनसीबीई के क्षितिज पाठक व अधिकारी संगठन एनओबीओ के हर्षित गुप्ता ने एक साझा बयान में कहा कि बैंको में पर्याप्त भर्ती करने, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लगातार घटती कर्मचारी संख्या से कार्यभार बढ़ा है, जिससे सेवा की गुणवत्ता प्रभावित हुई। अस्थायी कर्मचारियों का स्थायीकरण करने व वर्षों से काम कर रहे अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
यूनियन ने सभी शनिवार को अवकाश घोषित कर बैंकों में पाँच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करने, पीएलआई (प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन) योजना में भेदभाव बंद करने, कार्यकुशलता समीक्षा में कर्मचारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त करने की नीति वापस लेने, बैंक कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित हेतु कठोर कानून बनाने, निदेशक मंडल में कर्मचारी व अधिकारी निदेशकों की नियुक्ति करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, पेंशन का अद्यतन और ग्रेच्युटी में सुधार करने की मांग की गई है। प्रबंधन या सरकार इन मुद्दों पर आगे नहीं आ रही इसलिए यह आंदोलन और हड़ताल के लिए विवश हैं। सकारात्मक कदम नहीं उठाने पर संघर्ष और तेज होगा।