
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में फेरबदल की चर्चाएं तेज हो गई हैं, खासकर जब कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री ने अग्रवाल का इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया है, और अब माना जा रहा है कि फेरबदल के संबंध में केंद्रीय नेतृत्व से मार्गदर्शन लेने के लिए मुख्यमंत्री इस सप्ताह दिल्ली जा सकते हैं।
प्रेमचंद अग्रवाल की विदाई का कारण: विवादित बयान
प्रेमचंद अग्रवाल की कैबिनेट से विदाई का कारण उनकी तरफ से क्षेत्रवाद पर दिया गया विवादित बयान है। इस बयान के बाद पार्टी के भीतर से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं, और प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें ऐसे बयानबाजी से बचने की सलाह दी थी। हालांकि अग्रवाल और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने इस मसले पर सख्त रुख अपनाया। इसके बाद, अग्रवाल को होली के बाद इस्तीफा देने का इशारा किया गया, ताकि वह सम्मानजनक तरीके से कैबिनेट से विदा हो सकें।
कैबिनेट में खाली कुर्सियों की संख्या बढ़ी
प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद, धामी कैबिनेट में पांच खाली कुर्सियां हो जाएंगी। इस बदलाव से पहले ही दो मंत्री पद खाली हो चुके थे, जिसमें चंदन राम दास के निधन के कारण एक कुर्सी पहले से खाली थी। इसके अलावा, तीन कुर्सियां सरकार गठन के समय से ही खाली रखी गई थीं। अब पार्टी में इन खाली पदों को भरने की कवायद तेज हो गई है।
मंत्री पद के लिए नेताओं की दौड़
धामी कैबिनेट में खाली हुए पदों को भरने के लिए कई वरिष्ठ विधायक अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। भाजपा संसदीय क्षेत्र के हिसाब से कैबिनेट में संतुलन बनाने की कोशिश करेगी। चर्चा है कि हरिद्वार संसदीय क्षेत्र से मदन कौशिक, आदेश चौहान और विनोद चमोली के नाम पर विचार हो सकता है, क्योंकि अग्रवाल के इस्तीफे के बाद इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व खाली हो जाएगा।
इसके अलावा, टिहरी लोकसभा क्षेत्र के प्रतिनिधित्व के लिए खजानदास, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव पुंडीर और उमेश शर्मा काऊ जैसे नाम चर्चा में हैं। गढ़वाल क्षेत्र से एक प्रमुख नेता को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है, जबकि नैनीताल-यूएसनगर से अरविंद पांडेय और शिव अरोड़ा के नाम भी मंत्री पद की दौड़ में हैं। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ क्षेत्र से बिशन सिंह चुफाल का नाम भी चर्चा में है।
सीएम धामी की चुप्पी बनी हुई है
हालांकि कैबिनेट फेरबदल की चर्चाएं गरमाई हुई हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद भी मुख्यमंत्री ने इस मामले में कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट फेरबदल के मुद्दे पर मुख्यमंत्री के पत्ते अभी तक खुले नहीं हैं।
नए मंत्रियों के नामों पर केंद्रीय नेतृत्व करेगा फैसला
माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व के दिशा-निर्देश के बाद ही कैबिनेट फेरबदल की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस महीने के अंत तक धामी सरकार का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा, और इस दौरान फेरबदल के साथ-साथ कई नई नियुक्तियों की उम्मीद है।