
राज्यसभा में आज छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित फिल्म “छावा” के बहाने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की फिल्मों के निर्माण के लिए सरकारी वित्तीय कोष बनाए जाने की मांग की गई।
भाजपा सदस्य डा. के लक्ष्मण ने शून्यकाल में यह मामला उठाया। उन्होंने “छावा” फिल्म की तारीफ करते हुए पद्मावत, शहीद भगत सिंह, कश्मीर फाइल, स्वातंत्र्य वीर सावरकर और द साबरमती रिपोर्ट जैसी फिल्मों को सत्य का उद्घाटन करने वाली फिल्म बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत वाली फिल्मों के निर्माण को तरजीह देना चाहिए। जो प्रोड्यूसर इस तरह की फिल्में बनाना चाहते हैं, उनकी आर्थिक मदद की जानी चाहिए। इसके लिए सरकार को वित्तीय कोष बनाना चाहिए। साथ ही इस तरह की फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी प्रोमोट करना चाहिए।
शून्यकाल के दौरान कुछ अन्य मुद्दे भी उठाए गए। इनमें सीपीआई (एम) के एए रहीम ने केरल में श्रमिकों की समस्याओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि किस तरह से कारपोरेट घरानों में काम करने वाले कर्मचारी अत्यधिक दबाव में काम करते हैं। बीजद के देवाशीष सामंत ने बीजू पटनायक की जयंती पर राजपत्रित अवकाश का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बीजू पटनायक का जन्मदिन हर साल 5 मार्च को पंचायत दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। पहले उस दिन राजपत्रित अवकाश घोषित किया गया था लेकिन सूबे की नई भाजपा सरकार ने वह अवकाश खत्म कर दिया। उन्होंने यह अवकाश बहाल किए जाने की मांग की।
भाजपा के सदानंद महालू शेट तावड़े ने बैंकों के क्रेडिट कार्ड और रिकवरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पहले बैंक एक्जीक्यूटिव अपना टॉरगेट पूरा करने के लिए भोलेभाले लोगों का भी क्रेडिट कार्ड बना देते हैं और बाद में अनाप-शनाप चार्ज लगाकर उन्हें परेशान किया जाता है। उन्होंने रिकवरी एजेंटों की धींगामुश्ती और लीगल नोटिस भेजने तथा ब्याज पर भी ब्याज लगाने की परिपाटी पर रोक लगाने और ग्राहकों को राहत दिलाने की मांग की।
राजद के डा. मनोज कुमार झा ने डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र (एपिक) का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह संविधान में वर्णित फ्री एंड फेयर इलेक्शन का मखौल है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में सीमावर्ती क्षेत्रों में यह एक बड़ी समस्या बन गई है। एपिक के पहले तीन अक्षर सम्बन्धित विधानसभा को वर्णित करते हैं, इसके बावजूद यह कैसे हो रहा है? उन्होंने कहा कि सदन की ओर से इस बारे में संदेश जाए कि निर्वाचन आयोग संशोधन सुनिश्चित करे। आयोग समय-समय पर नाम जोड़ने और नाम हटाने की विधिवत सूची जारी करे। उन्होंने कहा कि सदन में बैठे हम सभी लोग चुनाव के जरिये ही चुनकर आए हैं, इसलिए एपिक का यह काम बहुत जिम्मेदारी का है।
भाजपा के बाबूभाई जेसांगभाई देसाई ने बाल विवाह और उसके बाद होने वाली समस्याओं का मुद्दा उठाया। आईयूएमएल के अब्दुल वहाब ने केरल के आईटीआई संस्थानों को फंड दिये जाने की मांग उठाई। भाजपा के हर्ष महाजन ने हिमाचल प्रदेश में नागरिक उड्डयन से सम्बन्धित मुद्दे उठाए। जदयू के संजय कुमार झा ने बिहार में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने जाने की मांग की, ताकि सीमावर्ती नेपाल से लगते बिहार के जिलों में लोगों को सहूलियत हो सके। भाजपा के महेंद्र भट्ट ने उत्तराखंड में डाक विभाग की भर्तियों में स्थानीय लोगों को तरजीह देने की मांग की। कांग्रेस के जीसी चंद्रशेखर ने कर्नाटक में रेलवे की उन 13 परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किये जाने की मांग की, जो या तो महज कागजों में हैं या फिर उन पर धीमी गति से काम हो रहा है।
भाजपा की सुमित्रा वाल्मीकि ने मध्य प्रदेश के जबलपुर और अन्य शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों के निष्पादन और पुनर्चक्रण के लिए कारखाना लगाने की मांग की। भाजपा के नगेंद्र राय ने राजवंशी भाषा को संविधान की 8वीं सूची में शामिल करने की मांग उठाई। आम आदमी पार्टी के संत बलबीर सिंह ने पंजाब से युवाओं को अवैध तरीके से विदेश भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की। कांग्रेस के विवेक तन्खा ने जम्मू-कश्मीर से विस्थापित कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब करतारपुर साहिब की तर्ज पर पाकिस्तान में शारदा पीठ के लिए भी कॉरीडोर बनाने के लिए वहां की सरकार से बात की जानी चाहिए।