
उज्जैन। महाकाल मंदिर में होली, धुलेंडी और रंग पंचमी पर रंग-गुलाल-पिचकारी आदि लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की जांच होगी। मंदिर प्रशाशक प्रथम कौशिक ने बताया कि होलिका महोत्सव मे गर्भगृह, नंदी मण्डपम्, गणेश मण्डपम्, कार्तिकेय मण्डपम् एवं सम्पूर्ण मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल इत्यादि ले जाना, रंग-गुलाल उड़ाया जाना, आपस में रंग-गुलाल लगाना, किसी विशेष उपकरण का उपयोग कर रंग इत्यादि उड़ाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले श्रद्धालु मंदिर में किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल व अन्य कोई विशेष उपकरण लेकर प्रवेश नही कर सकेंगे। श्रद्धालुओ को जाँच उपरान्त ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के कंट्रोल रूम में कर्तव्यरत अधिकारी व कर्मचारी द्वारा कैमरों के माध्यम से मंदिर के समस्त द्वारों एवं सम्पूर्ण मंदिर परिसर परिक्षेत्र की सतत निगरानी रखी जाएगी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी, पुरोहित, प्रतिनिधि, अधिकारी, पुलिसकर्मी, कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी, सफाई कर्मचारी, सेवक मंदिर परिसर स्थित अन्य छोटे-बडे मंदिर के पुजारी, सेवक व अन्य आउटसोर्स कर्मचारी आदि मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल लेकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। समस्त द्वारों पर तैनात कर्मचारी एवं सुरक्षाकर्मी यह सुनिश्चित करेंगे कि मंदिर में रंग-गुलाल लेकर कोई भी प्रवेश न कर सके इस हेतु श्रद्धालुओं की जाँच करने के उपरांत ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में होलिका पर्व 13 मार्च व 14 मार्च के उपलक्ष्य पर परम्परा के सम्यक निर्वहन हेतु भगवान श्री महाकालेश्वर की होने वाली त्रिकाल आरती में सीमित मात्रा में प्रतिकात्मक रूप से हर्बल गुलाल भगवान श्री महाकालेश्वर जी को अर्पण किया जाएगा।
इसी प्रकार 19 मार्च रंगपंचमी के उपलक्ष्य पर परम्परा के सम्यक निर्वहन हेतु भस्मार्ती में 01 लोटा केसर युक्त जल एवं संध्या आरती में केसर का रंग प्रतिकात्मक रूप से भगवान श्री महाकालेश्वर जी को अर्पण किया जाएगा। 13-14 एवं 19 मार्च को हर्बल गुलाल, केसर युक्त जल एवं केसर का रंग मंदिर प्रबंध समिति की कोठार शाखा द्वारा भस्मार्ती पुजारी एवं शासकीय पुजारी को उपलब्ध कराया जाएगा।