शराब की तस्करी का ऑडियो वायरल, बड़े नेटवर्क का बड़ा कुलासा

भास्कर ब्यूरो

महराजगंज। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बावजूद, शराब की तस्करी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। हाल ही में गोरखपुर से नरकटियागंज तक के रेलखंड मार्ग पर ट्रेनों के माध्यम से बिहार में शराब की तस्करी का एक नया मामला सामने आया है। इस बार तस्करी से जुड़े एक व्यक्ति का ऑडियो वायरल हुआ है, जो शराब की तस्करी में लिप्त होने की पुष्टि करता है। वायरल ऑडियो में चर्चा हो रही है कि पकड़ी गई शराब की खेप को छुड़ाने के लिए तस्कर अपने संपर्कों से बातचीत कर रहा है।

वायरल ऑडियो में चर्चित व्यक्ति का नाम जोरो से

वायरल ऑडियो में एक व्यक्ति का नाम लिया जा रहा है जो शराब की तस्करी के कारोबार में संलिप्त है। उस व्यक्ति का नाम गुड्डू गुप्ता बताया जा रहा है। इस ऑडियो में वह शराब के तस्करी के माल को छुड़ाने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए अपने संपर्कों से बातचीत करता सुनाई दे रहा है। ऑडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर इस विषय में चर्चा तेज हो गई है। हालांकि दैनिक भास्कर ने इस ऑडियो की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसने तूफान मचा दिया है।

पहले भी वायरल हो चुका है अनेको ऑडियो

यह पहला मौका नहीं है शराब तस्करी से जुड़ा हुआ सामने आया हो। इससे पहले भी उनके कई ऑडियो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं, जिनमें वह शराब की तस्करी और उसके नेटवर्क से जुड़े मामलों पर चर्चा करते नजर आए थे। इस बार फिर से उनका नाम तस्करी से जुड़े एक बड़े मामले में सामने आया है, जिससे यह साबित होता है कि तस्करी के नेटवर्क की जड़ें बहुत गहरी हैं।

बिहार में शराबबंदी और तस्करी का बढ़ता नेटवर्क

बिहार सरकार ने 2016 में राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी, लेकिन इसके बावजूद शराब की तस्करी लगातार बढ़ती जा रही है। शराबबंदी के बावजूद उत्तर प्रदेश से बिहार में अवैध तरीके से शराब की तस्करी की जाती है। गोरखपुर से नरकटियागंज तक के रेलखंड मार्ग पर शराब की तस्करी एक प्रमुख रास्ता बन चुका है। यहाँ से ट्रेनों के माध्यम से बड़े पैमाने पर शराब की खेप बिहार के विभिन्न हिस्सों में भेजी जाती है।

तस्करों ने इस नेटवर्क को इस तरह से व्यवस्थित किया है कि शराब को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जा सकता है। रेलवे ट्रेनों का इस तस्करी में अहम योगदान है क्योंकि प्रशासन के लिए इन ट्रेनों पर नजर रखना कठिन होता है। इसके अलावा, तस्करी करने वाले लोग अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए लगातार नए तरीके अपनाते रहते हैं, जिससे उन्हें पकड़ना और कार्रवाई करना प्रशासन के लिए मुश्किल हो जाता है।

पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती

तस्करों का आडियो बार-बार सामने आना और उनकी तस्करी गतिविधियाँ शराबबंदी के उद्देश्य को नकार रही हैं। अधिकतर मामलों में तस्करों को जल्दी ही जमानत मिल जाती है और वे फिर से अपने पुराने धंधे में लग जाते हैं। इस कारण शराब तस्करी का यह नेटवर्क निरंतर चलता रहता है और बिहार में शराबबंदी के प्रयासों को बड़ा धक्का पहुँचाता है।

निष्कर्ष: तस्करी पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता

गोरखपुर नरकटियागंज रेलखंड मार्ग पर शराब तस्करी का मामला प्रशासन और पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। शराब तस्करी के इस जाल को तोड़ने के लिए रेल मार्गों पर निगरानी बढ़ाने, तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और अवैध शराब की खेप की जांच में तेजी लाने की आवश्यकता है। यह घटना साबित करती है कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद तस्करी का नेटवर्क सक्रिय है, और इसे खत्म करने के लिए सरकार को और अधिक ठोस कदम उठाने होंगे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

मुखवा में पीएम मोदी ने की गंगा पूजा अंसल एपीआई पर कार्रवाई : पिता – पुत्र समेत 5 पर मुकदमा दर्ज ट्रंप ने भारत , चीन समेत देशों पर उच्च शुल्क लगाने का किया ऐलान परिजनों ने कहा – सचिन तो सिर्फ मोहरा , कत्ल के पीछे कोई ओर रूम पर चलो नहीं तो नौकरी छोड़ : नर्सिंग ऑफिसर की पिटाई