
भास्कर ब्यूरो
बिलसंडा, पीलीभीत। लाखों रुपए के घोटाले की जाँच केवल फाइलों के कुछ पन्नों में ही दबकर रह गई है। तीन दिन में जाँच रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन महीनों गुजर जाने के बाद भी जाँच रिपोर्ट का कोई भी अता-पता नहीं है। आखिरकार लाखों रुपए के घोटाले की जाँच कहां गई? क्यों अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई? जिम्मेदारों पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।
बिलसंडा ब्लॉक में तैनात पंचायत सचिव धर्मेन्द्र कुमार ने अपनी तैनाती वाली ग्राम पंचायतों में अलाव लगाने के नाम पर लाखों रुपए ग्राम निधि खाते से निकालकर बंदरबांट किया और सरकारी रकम को ठिकाने लगा दिया। भ्रष्टाचार की भनक लगने पर दैनिक भास्कर ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। खंड विकास अधिकारी अमित शुक्ला ने खबर का संज्ञान लेते हुए पूरे प्रकरण की जाँच एडीओ पंचायत हरीश भारतीय को सौंप दी और तीन दिन में जाँच रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन महीनों गुजर जाने के बावजूद लाखों रुपए के घोटाले की जाँच अब तक नहीं हो सकी और जाँच फाइलों में ही दबकर रह गई है।
सवाल उठता है कि महीनों गुजर जाने के बाद भी लाखों रुपए के घोटाले की जाँच रिपोर्ट आखिर कहां और किसके पास दबी हुई है। क्यों घोटालेबाजों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई?