
सुलतानपुर : नेता प्रतिपक्ष व रायबरेली सांसद राहुल गांधी के मानहानि मामले में गुरुवार को एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में परिवादी और गवाह कोर्ट मे नही पहुँचे, जिसके कारण सुनवाई नही हो पायी। अब 20 मार्च को मामले की सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि कोतवाली देहात के हनुमानगंज निवासी भाजपा नेता विजय मिश्रा ने वर्ष 2018 में राहुल गांधी के विरुद्ध मानहानि का परिवाद एमपी- एमएलए कोर्ट में दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि 2018 में कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने अभद्र टिप्पणी की थी, इससे मैं आहत हुआ हूं। कोर्ट में पांच साल लंबी प्रक्रिया चली, राहुल गांधी हाजिर नहीं हुए तो दिसंबर 2023 में तत्कालीन जज ने वारंट जारी कर उन्हें तलब किया था। तब फरवरी 2024 में राहुल गांधी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
विशेष मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने उन्हें 25-25 के दो मुचलके पर जमानत दे दी थी। इसके बाद राहुल गांधी को कोर्ट ने बयान दर्ज करने के लिए बुलाया। दर्जन भर तारीख पड़ने के बाद बीते 26 जुलाई को राहुल कोर्ट में पहुंचे और उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया था। उन्होंने स्वयं को निर्दोष बताया, कहा था कि मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश हो रही है। इसके बाद कोर्ट में वादी को साक्षय प्रस्तुत करने के निर्देश हुए। इस वर्ष दो जनवरी को जिरह पूरी नहीं होने पर कोर्ट ने 10 जनवरी व 22 जनवरी की तारीख नियत की थी, लेकिन इन दोनों ही तिथियों पर अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते सुनवाई पुनः टल गई थी। 30 जनवरी को तिथि नियत हुई तो राहुल गाँधी के अधिवक्ता काशी शुक्ला के अस्वस्थ होने के चलते जिरह नहीं हो सकी थी।
इस वर्ष की शुरुआत में वकीलों की हड़ताल और राहुल के अधिवक्ता की अस्वस्थता के कारण कई बार सुनवाई टली। 11 फरवरी को राहुल के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने परिवादी से जिरह पूरी की। आज छह मार्च को सुनवाई होनी थी। परिवादी कोर्ट परिसर के बाहर मौजूद थे, लेकिन कोर्ट में नहीं पहुंचे।