
भास्कर ब्यूरो
महराजगंज : यातायात नियमों के अनुपालन को लेकर जिलाधिकारी अनुनय झा सख्त हो गए हैं। अभी तक तो सिर्फ सड़कों पर ही चालक का हेलमेट और सीटबेल्ट चेक किया जाता था। लेकिन अब अफसरों के लिए भी चुनौती भरी खबर है।अब उन्हें भी आफिसों में पहुंचने तक चार पहिया वाहन पर सीटबेल्ट और दो पहिया वाहन पर हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया है।
जिला प्रशासन का सख्त फरमान यह दर्शाता है कि बिना हेलमेट और सीटबेल्ट के दफ्तर आओगे, तो निश्चित रूप से उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। यहां बता दें कि जिले के समस्त कार्यालयों में आनेवाले अधिकारी और कर्मचारी न तो आने के समय चार पहिया वाहनों पर सीटबेल्ट पहनते थे,और नहीं ही दो पहिया वाहनों पर हेलमेट लगाते थे।
सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को अब ट्रैफिक नियमों की अनदेखी भारी पड़ेगी। कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी दुपहिया वाहन पर बगैर हैलमेट और चार पहिया वाहन में बगैर सीट बेल्ट नहीं चलेगा। अगर ऐसा पाया जाता है तो उनके खिलाफ सीधे कार्रवाई होगी। इतना ही नहीं सरकारी कर्मचारी और अधिकारी के साथ सफर करने वाले सहयात्री को भी हेलमेट पहनना और सीटबेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
कार्यालय में आते वक्त सरकारी कर्मचारियों को अब हेलमेट पहनना जरूरी होगा तो चार पहिया वाहन चालक अगर सीट बेल्ट नहीं बांधते हैं तो उन पर कार्रवाई होगी। जिलाधिकारी अनुनय झा ने कहा है कि सभी विभागों के राजकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को दो पहिया वाहन पर हेलमेट का प्रयोग करना अनिवार्य है तो सीट बेल्ट का प्रयोग भी अनिवार्य कर दिया है। नो हेलमेट-नो पेट्रोल का नियम पहले ही जिले में लागू कर दिया है।
डीएम ने सभी विभागाध्यक्षों से कहा है कि शासकीय एवं अर्द्धशासकीय कार्यालयों के जो अधिकारी एवं कर्मचारी दो पहिया वाहन से कार्यालय आते हैं, हेलमेट अनिवार्य रूप से पहनें तथा उनके साथ यात्रा करने वाले सहयात्री को भी हेलमेट पहनना जरूरी है।विभागध्यक्ष एवं कार्यालयाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें कि उनके अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी इस निर्देश का पूर्णतः पालन करें। दफ्तरों के प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मी हेलमेट एवं सीटबेल्ट के अनुपालन की जाँच करें।