
भगवान शिव को योग का जनक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि योग और ध्यान की परंपरा शिव से ही शुरू की थी। शिव ने ही ध्यान और साधना के माध्यम से आत्मा और परमात्मा के मिलन का मार्ग दिखाया। ये कुछ योग हैं जिसे सभी को अपने डेली रुटीन में जरुर शामिल करना चाहिए
1. नटराजासन (Lord of the Dance Pose)

भगवान शिव के तांडव नृत्य का प्रतीक माने जाने वाला नटराजासन, आपके शरीर के संतुलन और एकाग्रता को सुधारने में मदद करता है। यह योगासन मांसपेशियों को लचीला बनाता है और शारीरिक स्फूर्ति को बढ़ाता है। यह आसन न केवल शारीरिक स्थिति को सुधारता है बल्कि मानसिक एकाग्रता और ध्यान को भी उत्तेजित करता है।
नटराजासन करने का तरीका:
- सबसे पहले, सीधा खड़ा हो जाएं।
- अब अपने दाहिने पैर को पीछे की ओर उठाएं और दाहिने हाथ से टखने को पकड़ें।
- बाएं हाथ को सीधा आगे की ओर फैलाएं, जैसे आप किसी लक्ष्य की ओर इशारा कर रहे हों।
- अब शरीर का भार बाएं पैर पर रखें और धीरे-धीरे अपनी छाती को आगे झुकाएं।
- कुछ देर तक इस स्थिति में रहें और फिर सामान्य स्थिति में लौटें।
- इसके बाद, दूसरी टांग से यह आसन दोहराएं।
फायदे:
- शरीर का संतुलन सुधरता है।
- मांसपेशियां लचीली बनती हैं।
- मानसिक ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है।
- शारीरिक स्फूर्ति में वृद्धि होती है।
2. भुजंगासन (Cobra Pose)

भुजंगासन, भगवान शिव के गले में विराजमान नाग की आकृति जैसा होता है और यह आपकी रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं और सांस लेने की क्षमता बढ़ती है। यह आसन पीठ के निचले हिस्से के दर्द को भी कम करता है और आपके शरीर को लचीला बनाता है।
भुजंगासन करने का तरीका:
- सबसे पहले, जमीन पर पेट के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को सीधा रखें।
- अब अपने हथेलियों को कंधों के पास जमीन पर रखें और कोहनियों को शरीर से सटाकर रखें।
- गहरी सांस लें और हाथों पर दबाव डालते हुए छाती और सिर को ऊपर उठाएं।
- इस दौरान अपने पेट को जमीन पर टिकाए रखें और गर्दन को हल्का पीछे झुकाएं।
- इस मुद्रा में 30 सेकेंड तक रहें और धीरे-धीरे सांस लेकर वापस आ जाएं।
फायदे:
- रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।
- फेफड़े स्वस्थ रहते हैं।
- सांस लेने की क्षमता बढ़ती है।
- पीठ के दर्द को कम करता है।
- शरीर को लचीला बनाता है।
3. हनुमानासन (Hanumanasana)

हनुमान जी को भगवान शिव के अवतार के रूप में जाना जाता है। हनुमानासन, एक शक्तिशाली आसन है जो कमर और कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह आसन विशेष रूप से कमर दर्द को कम करने में मदद करता है। यह योगासन शारीरिक लचीलापन बढ़ाता है और शरीर को ऊर्जा से भरपूर करता है।
हनुमानासन करने का तरीका:
- सबसे पहले, जमीन पर बैठ जाएं और लंबी गहरी सांस लें।
- अब अपने दाएं पैर को आगे बढ़ाएं और बाएं पैर को धीरे-धीरे पीछे खिसकाएं, जब तक दोनों पैरों के बीच दूरी न आ जाए।
- फिर, अपने हाथों को सीने के पास प्रणाम मुद्रा में रखें या उन्हें ऊपर उठाएं।
- गहरी सांस लें और कुछ सेकंड तक इस मुद्रा में रहें।
- धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए, सामान्य स्थिति में लौट आएं।
फायदे:
- कमर और कूल्हों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- कमर दर्द कम होता है।
- शरीर में लचीलापन बढ़ता है।
- मानसिक शांति मिलती है।
- शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।