सदन में बोले सीएम योगी- महाकुंभ में 33 करोड़ महिलाएं आईं लेकिन कोई अपराधिक घटना नहीं हुई

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बोलते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा हमला किया और कहा कि सपा ने हमेशा भारत की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने यह सवाल किया, “आपने हमें सांप्रदायिक कहा, लेकिन क्या हम सांप्रदायिक हो सकते हैं? हम तो ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करते हैं।” योगी ने राज्य सरकार के विकास कार्यों को लेकर किए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ आयोजन ने न केवल भारत की विरासत और विकास की अनुपम छाप छोड़ी है, बल्कि पूरे विश्व में उसकी गूंज सुनाई दी। उन्होंने महाकुंभ को राज्य की अग्निपरीक्षा बताते हुए कहा कि यह आयोजन पूरी दुनिया में भारत के सनातन धर्म के गौरव को प्रदर्शित करता है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाकुंभ के आयोजन में 33 करोड़ महिलाओं ने हिस्सा लिया, लेकिन इस आयोजन के दौरान एक भी आपराधिक घटना नहीं हुई। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक उपलब्धि थी, बल्कि इससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का फायदा होने की संभावना है। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक सफलतापूर्वक आयोजित कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत किया।

उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति

बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर भी अपने विचार रखे और सरकार की कार्यप्रणाली को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का जीएसडीपी (ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट) 1950 से 2017 तक केवल 12.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच पाया था, लेकिन 2017 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की नीतियों को प्रदेश में लागू किया गया, तो यूपी की विकास दर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “2017 में जनता ने प्रधानमंत्री मोदी जी की नीतियों पर विश्वास जताया और आज 2024-25 में यूपी की जीएसडीपी 27.51 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने जा रही है।” इससे यह साफ होता है कि पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने न केवल देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि यह राज्य देश की जीडीपी में 9.2% की हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के आर्थिक आंकड़े भी साझा किए, जिसमें कहा कि वर्ष 2023-2024 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 9.6% रही, जबकि उत्तर प्रदेश की वृद्धि दर 11.6% रही। इस वृद्धि को डिजिटल क्रांति से जोड़ा, जिसमें यूपी डिजिटल लेन-देन अपनाने में देश में पहले स्थान पर है। उन्होंने बताया कि 2017-18 में 122.84 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए थे, जो 2024-25 तक दिसंबर महीने तक 1024.41 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।

डिजिटल क्रांति और वित्तीय समावेशन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में डिजिटल क्रांति के महत्व को भी बताया और कहा कि यह प्रदेश डिजिटल बैंकिंग और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के मामले में देश का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बनकर उभरा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में डिजिटल ट्रांजैक्शन के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था में न केवल पारदर्शिता आई है, बल्कि लोगों को बैंकिंग सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश में बैंकों की 20,416 शाखाएं हैं, और 4,00,932 बैंक मित्र एवं बीसी सखी के माध्यम से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इसके साथ ही 18,747 एटीएम और 4,40,095 बैंकिंग केंद्र स्थापित किए गए हैं। यह सब डिजिटल बैंकिंग की पहुंच को आसान और सुलभ बना रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यूपी में आधे से अधिक लेन-देन यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से हो रहे हैं, जो डिजिटल लेन-देन की बढ़ती हुई संख्या को दर्शाता है। इसके पीछे वित्तीय जागरूकता, गांवों तक इंटरनेट की पहुंच और उपकरणों की पर्याप्त संख्या है, जिससे लोगों को डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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