यूपी सरकार से अरबों का एमओयू करने वाला निकला 420,  जिलों में डाटा सेंटर खोलने का लिया था ठेका

लखनऊ। निवेश के नाम पर प्रदेश सरकार से ठगी हो गई है। एक धोखेबाज ने यूपी के सभी जिलों में 750 डाटा सेंटर बनाने का जिम्मा लेने के लिए आगे आई कंपनी व्यूनाठ मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड और व्यूनाउ इंफ्राटेक फर्जी निकली। कंपनी के प्रबंध निदेशक सुखविंदर सिंह खरोर ने फर्जीवाड़ा कर अफसरों की आंखों में धूल झोंक 13500 करोड़ का एमओयू करा लिया।
एमओयू की आड़ में मास्टरमाइंड निवेशकों से 3558 करोड़ रुपये बटोरकर विदेश भागने की फिराक में था। इससे पहले ईडी ने उसे पत्नी सहित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया।


एक समाचार पत्र की खबर के अनुसार निवेश के मामले में भी सरकार ने गलतियां रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की उच्चस्तर से वैश्विक निवेशक सम्मेलन में निवेश का समझौता करने वाली कंपनियों का इतिहास जांचने के निर्देश हैं। परीक्षण में संदिग्ध मिलने पर कंपनियों द्वारा किए गए एमओयू को रोकने या रद्द करने के भी निर्देश दिए गए हैं। लेकिन, डाटा सेंटर को लेकर किए गए एमओयू में यूपी के अधिकारी गच्चा खा गए। शीर्ष अधिकारियों ने कंपनी की कुंडली नहीं खंगाली।


20 नवंबर 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की मौजूदगी में व्यूनाउ के एमडी और मास्टरमाइंड सुखविंदर सिंह खरोर ने एमओयू किया। 13500 करोड़ रुपये के एमओयू के तहत व्यूनाउ इंफोटेक को प्रदेश के सभी जनपदों में डाटा सेंटर स्थापित करना था। मुख्य सचिव ने कहा था कि एमओयू के बाद प्रदेश में एज सेंटर का दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क स्थापित होगा। इन्हीं डाटा सेंटरों की मदद से भविष्य में 5जी नेटवर्क, ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डाटा टेक्नोलाजी के उपयोग की तैयारी थी।


डाटा सेंटर की स्टोरेज क्षमता को छोटे-छोटे हिस्सों में देने का ऑफर देकर निवेशकों को फंसाया
750 डाटा सेंटर खोलने के लिए राज्य सरकार के साथ किए एमओयू को सुखविंदर सिंह ने जमकर भुनाया। इसकी आड़ में क्लाउड पार्टिकल घोटाला किया। निवेशकों को फर्जी सेल एंड लीज-बैंक मॉडल के जरिए फंसाया गया। इसके तहत डाटा सेंटर की स्टोरेज क्षमता को छोटे-छोटे हिस्सों में लीज पर देने का आफर दिया। दांव काम आ गया और बाजार से हजारों करोड़ रुपये निवेश के रूप में आ गए। सुखविंदर ने उस रकम से डाटा सेंटर लगाने के बजाय विदेशों में भेजा। इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने नोएडा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर के बाद अपनी जांच शुरू की।

ईडी की जांच में सामने आया कि व्यूनाउ ग्रुप के संस्थापक सुखविंदर सिंह खरोर ने क्लाउड पार्टिकल टेक्नोलॉजी के नाम पर निवेशकों से भारी रकम जुटाई। फिर इसे निवेशकों को गुमराह करने के लिए कागजों में बढ़ा चढ़ा कर कंपनी की हैसियत दिखाई।

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