पाचन तंत्र को सुधारने के लिए योग: गैस, कब्ज और अन्य पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा

खराब खान-पान, अनियमित जीवनशैली और तनाव का असर सीधे तौर पर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। जब हमारा पाचन तंत्र सही से काम नहीं करता, तो पेट में गैस, कब्ज, एसिडिटी और सूजन जैसी परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि, इस प्रकार की समस्याओं को ठीक करने के लिए दवाइयों का सहारा लिया जा सकता है, लेकिन इन समस्याओं को योग के माध्यम से भी हल किया जा सकता है।

योगासन न केवल शरीर को शांति और लचीलापन प्रदान करते हैं, बल्कि यह पाचन तंत्र को भी मजबूत करते हैं, जिससे गैस, कब्ज, ब्लोटिंग और एसिडिटी जैसी समस्याओं से निजात मिलती है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे असरदार योगासन के बारे में, जिन्हें अपनाकर आप अपने पाचन तंत्र को सुधार सकते हैं और पेट से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।

1. वज्रासन (Vajrasana)

वज्रासन को ‘आयरन पोज़’ भी कहा जाता है। यह आसन पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत ही प्रभावी माना जाता है। इसे आप खाना खाने के बाद भी कर सकते हैं। यह आसन शरीर के विभिन्न अंगों पर दबाव डालता है, जिससे पाचन तंत्र सक्रिय हो जाता है और पाचन क्रिया में सुधार होता है।

विधि:

  • जमीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं और पैरों को एक दूसरे के पास रखें।
  • हाथों को घुटनों पर रखकर कमर को सीधा रखें और आंखें बंद कर लें।
  • इस स्थिति में 5-10 मिनट तक बने रहें।

लाभ:

  • यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
  • गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्या को कम करता है।
  • पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

2. पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana)

पवनमुक्तासन पेट में गैस बनने की समस्या को दूर करने के लिए बहुत कारगर योगासन है। यह आसन पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे गैस, ब्लोटिंग और पेट दर्द को राहत देने में मदद करता है।

विधि:

  • सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं और दोनों पैरों को सीधा रखें।
  • अब अपने दोनों घुटनों को छाती की ओर लाकर दबाएं।
  • हाथों से घुटनों को पकड़ें और गहरी सांस लें।
  • इस स्थिति में कुछ सेकंड तक रुकें और फिर आराम से छोड़ें।

लाभ:

  • पेट में गैस और सूजन को कम करता है।
  • पाचन तंत्र को सक्रिय करता है।
  • पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

3. भुजंगासन (Bhujangasana)

भुजंगासन या ‘कोबरा पोज़’ एसिडिटी और पेट की चर्बी को घटाने के लिए बेहतरीन आसन है। यह पेट के अंदरूनी अंगों को मजबूती प्रदान करता है और पाचन क्रिया को सुचारू बनाता है।

विधि:

  • जमीन पर पेट के बल लेट जाएं।
  • हाथों को छाती के पास रखें और कोहनी को थोड़ा मोड़ें।
  • गहरी सांस लेते हुए, शरीर को ऊपर की ओर उठाएं, जैसे कि एक कोबरा का सिर ऊपर की ओर उठता है।
  • यह स्थिति कुछ सेकंड के लिए बनाए रखें और फिर धीरे-धीरे नीचे आ जाएं।

लाभ:

  • पेट की चर्बी को घटाने में मदद करता है।
  • एसिडिटी और कब्ज को दूर करता है।
  • पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और पेट के अंगों को सक्रिय करता है।

4. अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)

अर्ध मत्स्येन्द्रासन, एक प्रकार का ट्विस्टिंग योगासन है, जो लिवर, किडनी और आंतों के लिए लाभकारी है। यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है।

विधि:

  • जमीन पर बैठकर एक पैर को मोड़कर, दूसरे पैर को ऊपर रखें।
  • अब शरीर को साइड में मोड़ें और गहरी सांस लें।
  • कुछ सेकंड तक इस स्थिति में बने रहें और फिर आराम से वापस आ जाएं।

लाभ:

  • लिवर और किडनी को डिटॉक्स करता है।
  • पाचन क्रिया में सुधार करता है।
  • टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है।

5. मलासन (Malasana)

मलासन या स्क्वाट पोज़ कब्ज और पेट की सूजन को दूर करने में बहुत प्रभावी होता है। यह आसन पेट की अंदरूनी मांसपेशियों को सक्रिय करता है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है।

विधि:

  • पहले पैरों को थोड़ा फैलाकर, घुटनों को मोड़ें और स्क्वाट पोज़ में बैठें।
  • दोनों हाथों को जोड़कर छाती की तरफ रखें।
  • इस स्थिति में कुछ समय तक बने रहें और फिर आराम से बाहर आ जाएं।

लाभ:

  • कब्ज और पेट फूलने की समस्या को दूर करता है।
  • पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है।
  • मेटाबोलिज़्म को तेज करता है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।

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