क्यों गायब हो रही कोलकाता की सड़कों से हिंदुस्तान एम्बेसडर टैक्सी, कौन ले रहा है इसकी जगह, जानिए

लखनऊ डेस्क: कोलकाता की सड़कों से अब धीरे-धीरे आइकोनिक हिंदुस्तान एंबेसडर टैक्सियां गायब हो रही हैं। कोलकाता की मशहूर पीली टैक्सियों को पुनः जीवित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने एक निजी कंपनी के साथ मिलकर 20 नई पीली टैक्सियां लॉन्च की हैं। हालांकि, इन नई टैक्सियों का मॉडल हिंदुस्तान एंबेसडर की जगह मारुति सुजुकी वैगनआर पर आधारित है।

कोलकाता की सड़कों पर अगर एंबेसडर टैक्सी की बात न हो, तो यह चर्चा अधूरी सी लगती है। एंबेसडर की पीली टैक्सी कभी कोलकाता का अहम हिस्सा रही हैं, लेकिन अब इनकी जगह नई मारुति सुजुकी वैगनआर टैक्सियां लेंगी। पश्चिम बंगाल सरकार ने और एक निजी कंपनी ने मिलकर इन नई टैक्सियों की शुरुआत की है ताकि पीली टैक्सी की पहचान बनी रहे।

यह कदम हिंदुस्तान एंबेसडर टैक्सी की घटती संख्या के कारण उठाया गया है। मुख्य कारण राइड-हेलिंग ऐप्स का बढ़ता प्रभाव है, क्योंकि इन पुराने एंबेसडर वाहनों में आधुनिक सुविधाओं की कमी है, जैसे एसी। इसके अलावा, डीजल से चलने वाले एंबेसडर की उम्र बढ़ने से उनकी संचालन क्षमता पर भी असर पड़ा है।

यह पहल 2009 में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद की गई है, जिसमें कहा गया था कि 15 साल से पुरानी कमर्शियल गाड़ियां कोलकाता और हावड़ा में नहीं चल सकेंगी। 2025 के अंत तक एंबेसडर आधारित टैक्सियों की संख्या 20,000 से घटकर 2,000 रह जाएगी, और 2027-28 तक ये पूरी तरह से बंद हो जाएंगी।

नई मारुति सुजुकी वैगनआर टैक्सियों को ‘येलो हेरिटेज कैब्स’ के नाम से जाना जाएगा। पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री स्नेहासिस चक्रवर्ती ने इनका शुभारंभ किया। अधिकारियों के मुताबिक, अगले दो महीनों में 3,000 और ऐसी टैक्सियां सड़कों पर आ जाएंगी। ये टैक्सियां पेट्रोल और सीएनजी दोनों पर चलेंगी और इन्हें पश्चिम बंगाल सरकार के ‘यात्री साथी’ ऐप के जरिए बुक किया जा सकेगा।

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