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नई दिल्ली: फुटबॉल की विश्व नियामक संस्था फीफा ने पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ (पीएफएफ) पर लगे निलंबन को हटा लिया है। यह फैसला पीएफएफ असाधारण कांग्रेस द्वारा सुझाए गए संवैधानिक परिवर्तनों को मंजूरी मिलने के बाद लिया गया।
पीएफएफ ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “27 फरवरी को पीएफएफ असाधारण कांग्रेस के सफल नतीजे के बाद फीफा ने पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ पर से निलंबन हटा दिया है और उसके पूर्ण सदस्यता अधिकार बहाल कर दिए हैं।”
संस्था ने आगे कहा कि वह फीफा और एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के निरंतर समर्थन के लिए आभार व्यक्त करता है और पाकिस्तान फुटबॉल समुदाय को बधाई देता है।
तीसरी बार लगा था प्रतिबंध
फीफा ने 2017 और 2021 में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण पाकिस्तान पर दो बार प्रतिबंध लगाया था। 2019 में, संगठन ने पीएफएफ के संचालन और चुनावों की निगरानी के लिए एक सामान्यीकरण समिति गठित की थी।
हाल ही में, 7 फरवरी 2025 को फीफा ने निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने वाले संविधान को न अपनाने के कारण पाकिस्तान पर तीसरी बार प्रतिबंध लगाया था। लेकिन अब फीफा द्वारा अनुमोदित संविधान में बदलाव के बाद पीएफएफ को अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में हिस्सा लेने की अनुमति मिल गई है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की स्थिति
पाकिस्तान फुटबॉल टीम का प्रदर्शन बीते वर्षों में निराशाजनक रहा है। टीम 1962 मर्डेका कप और 1997 सैफ चैंपियनशिप में उपविजेता रही थी।
हाल ही में, पाकिस्तान ने 2026 फीफा विश्व कप क्वालीफायर में हिस्सा लिया, लेकिन सबसे निचले स्थान पर रहा। उसका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला ताजिकिस्तान के खिलाफ था, जिसमें उसे 0-3 से हार मिली थी।
फीफा की ताजा रैंकिंग में पाकिस्तान 198वें स्थान पर है। अब टीम अगले 2027 एएफसी एशियाई कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में खेलेगी, जहां उसे सीरिया, म्यांमार और अफगानिस्तान के साथ मुकाबला करना है। पाकिस्तान 25 मार्च को सीरिया के खिलाफ अपने अभियान
की शुरुआत करेगा।