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- आठ वर्ष पूर्व मर चुके किसानों को बना दिया गवाह
अयोध्या। तहसील दिवस में डीएम के निर्देशों का पालन तहसील के अधिकारी कैसे कर रहे हैं। इसका एक अजीब कारनामा सामने आया है। कानून गो व लेखपाल चक मार्ग व अन्य सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने मौके तक गए ही नहीं। कागजात में रिपोर्ट लगा दिया ” डीएम के निर्देश का पालन करते हुए मौके पर जाकर अतिक्रमण हटवा दिया”। उनकी इस कारगुजारी का गवाह बने आठ वर्ष पहले मर चुके गांव के तीन किसान। अतिक्रमण हटवाने के लिए दर दर फरियाद लगाता घूम रहा किसान अभी भी अधिकारियों की चौखट नापता घूम रहा है।
सोहावल तहसील क्षेत्र के इब्राहिमपुर दिवली निवासी मंशाराम की गाटा संख्या 273/653, जो कि चकमार्ग और पशु निस्तारण भूमि के अंतर्गत आती है, पर अवैध कब्जे की शिकायत 13 जनवरी 2025 को तहसील समाधान दिवस पर की गई। इस पर जिलाधिकारी ने तत्कालीन तहसीलदार सुमित सिंह को जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक और हल्का लेखपाल को मौके पर जाकर निस्तारण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
शिकायतकर्ता मंशाराम का आरोप है कि लेखपाल राहुल यादव ने ग्राम प्रधान धर्मेंद्र यादव की मिलीभगत से बिना स्थल निरीक्षण और पैमाइश किए ही रिपोर्ट तैयार कर दी। रिपोर्ट में दर्शाया गया कि उक्त भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है, और हैरानी की बात यह रही कि इस रिपोर्ट में तीन मृतकों राम दुलारे, रामबख्श और मोहम्मद सिरताज को गवाह बना दिया गया। जबकि ये तीनों आठ साल पहले ही इस दुनिया को छोड़ चुके हैं।
जब ग्राम प्रधान और लेखपाल की इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई गई तो नायब तहसीलदार ने मौके का निरीक्षण किया और आंशिक अतिक्रमण की पुष्टि की। लेकिन फर्जी गवाहों को नजरअंदाज कर दिया गया। अब जब शिकायतकर्ता ने मृतकों के प्रमाणपत्र के साथ पुनः तहसील दिवस पर एसडीएम सोहावल अभिषेक सिंह के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की, तो इस प्रकरण से तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खुल गई।
मृतकों के नाम पर फर्जी गवाही दर्ज किए जाने की खबर फैलते ही अधिकारी मौन हो गए है। यह प्रकरण न केवल राजस्व विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को भी उजागर करता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।
नवागत तहसीलदार प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि मामले को संज्ञान में लिया गया है और दोषियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। मैं स्वयं मौके पर जाकर हकीकत पता करूंगा। गलती करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जाएगी।