74 साल के नीतीश कुमार, अब बेटे के पीछे चलने की बात, 1977 से शुरू किया था राजनीति का सफर…

Bihar CM Nitish Kumar : नीतीश कुमार भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता हैं, जिन्होंने बिहार राज्य में अपनी मजबूत पहचान बनाई है। 74 साल की उम्र में नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक यात्रा में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।लेकिन वह हमेशा बिहार के विकास और राजनीतिक स्थिरता के लिए सक्रिय रहे हैं।

नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के नालंदा जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नालंदा से की और बाद में पटना विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। राजनीति में उनकी रुचि बचपन से थी, और उन्होंने छात्र संघ की राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की। 1977 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़कर राजनीति में कदम रखा और धीरे-धीरे अपनी पहचान बनानी शुरू की।

नीतीश कुमार ने 1989 में जनता दल (JD) में शामिल होकर बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने रामविलास पासवान, लालू प्रसाद यादव, और अन्य नेताओं के साथ मिलकर बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव लाए। 1990 में जब बिहार में लालू यादव की सरकार बनी, तो नीतीश कुमार ने जनता दल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन धीरे-धीरे उनका रास्ता अलग हो गया।

2005 में नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाली। उनके नेतृत्व में बिहार ने महत्वपूर्ण विकास की दिशा में कदम बढ़ाए। नीतीश कुमार की सरकार ने राज्य में सड़क, शिक्षा, और कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनकी प्रमुख नीति “सुशासन” को व्यापक समर्थन मिला, जिससे बिहार की जनता ने उन्हें एक मजबूत और विकासप्रिय नेता के रूप में देखा।

नीतीश कुमार ने केंद्रीय राजनीति में भी अपनी पहचान बनाई। वे 1996 से 1997 के बीच केंद्र में मंत्री रहे और 2001 में उन्होंने एनडीए (NDA) का हिस्सा बनते हुए केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। हालांकि, 2013 में भाजपा से संबंध टूटने के बाद उन्होंने महागठबंधन में शामिल होकर बिहार में राजनीतिक समीकरण को नया मोड़ दिया।

नीतीश कुमार की सबसे बड़ी पहचान यह रही कि उन्होंने हमेशा बिहार के विकास को प्राथमिकता दी, चाहे इसके लिए उन्हें राजनीतिक गठबंधन बदलने पड़े। 2015 में उन्होंने लालू प्रसाद यादव के साथ महागठबंधन बनाया और मुख्यमंत्री बने। 2017 में भाजपा के साथ फिर से गठबंधन कर वे मुख्यमंत्री बने, यह उनकी राजनीतिक चतुराई का उदाहरण है। उनकी रणनीतिक सोच और राजनीतिक विवेक ने उन्हें एक सफल नेता बना दिया।

नीतीश कुमार ने बिहार में कई सुधार किए, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, और इंफ्रास्ट्रक्चर का सुधार प्रमुख हैं। बिहार में कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने कई कड़े कदम उठाए, जिससे बिहार में अपराध की दर में कमी आई।

नीतीश कुमार के सामने कई चुनौतियाँ भी रही हैं। कभी उन्हें गठबंधन की राजनीति और अपने ही सहयोगियों के साथ मतभेदों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, उनका यह कद यह दर्शाता है कि उन्होंने हमेशा बिहार के विकास को प्राथमिकता दी और यही उनकी सबसे बड़ी सफलता रही है।

74 साल की उम्र में नीतीश कुमार ने अपनी कड़ी मेहनत, राजनीतिक विवेक, और लीडरशिप से बिहार की राजनीति में एक मजबूत स्थान बनाया है। वे एक ऐसे नेता रहे हैं जिन्होंने लगातार राजनीतिक चुनौतियों का सामना करते हुए राज्य में बदलाव लाने की दिशा में काम किया। उनके नेतृत्व में बिहार ने कई क्षेत्रों में सुधार किए हैं, और उनका योगदान भारतीय राजनीति में अमूल्य रहेगा।

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