गांव को बचाने निकले ग्रामीण, प्रशासन से बोले- बाढ़ से पहले करें ठोस इंतजाम

बहराइच : जिले के नानपारा तहसील क्षेत्र के परागी बेली झुंडी गड़रियनपुरवा गांव के लोग बाढ़ के खतरे से डरे हुए हैं। सरयू नदी के किनारे बसे इस गांव के लोगों ने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो इस बार की बाढ़ में पूरा गांव तबाह हो सकता है।”

“पिछले साल 2024 की बाढ़ में इस गांव के करीब 45 घर जलमग्न हो गए थे। नदी की धारा अब गांव के बिल्कुल करीब पहुंच चुकी है, जिससे कटान का खतरा लगातार बढ़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले साल भी अधिकारी और नेता आए थे, लेकिन सिर्फ आश्वासन देकर चले गए। अब हालात और भी बिगड़ सकते हैं।”

ग्रामीणों का कहना है
“हमने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अगर जल्द ही पत्थर और जाल लगाकर कटान को नहीं रोका गया, तो इस साल बाढ़ में पूरा गांव खत्म हो सकता है।
“गांव के लोगों का कहना है कि बारिश का मौसम नजदीक है और अगर प्रशासन अभी से तैयारी नहीं करता, तो बड़ी तबाही मच सकती है।”

जिला पंचायत सदस्य राम गोपाल का कहना है
“मैंने इस मुद्दे को कई बार उठाया है, पत्र लिखा है, बैठक में भी बात रखी है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो हालात और खराब हो सकते हैं।”

“ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन जल्द से जल्द तटबंध को मजबूत करे, पत्थर डलवाए और बाढ़ से पहले रोकथाम के उपाय किए जाएं। उनका कहना है कि अगर इस बार समय रहते ठोस इंतजाम कर लिए जाएं, तो गांव को बचाया जा सकता है।”

“अब सवाल ये है कि क्या प्रशासन सिर्फ आश्वासन देगा या फिर वाकई कोई ठोस कदम उठाएगा? बाढ़ से पहले अगर इंतजाम नहीं किए गए, तो इस गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। अब देखना ये होगा कि शासन-प्रशासन इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेता है।”

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