प्यार के नशे में की थी हत्या अब जेल में कटेगी जिंदगी

भास्कर ब्यूरो

कानपुर देहात : बारा गांव के ट्रांसपोर्टर की चार साल पहले चाकू से गोदकर निर्मम हत्या की गई थी। वह भोर पहर खेतों में गए थे। आरोपी पीछे से पहुंच गया था। उसने पहले लोहे के सबल से वार करके जमीन पर गिरा दिया। इसके बाद चाकू से इतने वार किए कि पेट फट गया और आंते बाहर आ गई थीं। कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त को घटना का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं साक्ष्य छिपाने में मुख्य अभियुक्त पिता और भाभी को चार वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है।

अकबरपुर कोतवाली के बारा गांव में रहने वाले राकेश पाल की 23 अगस्त 2020 को खेत में निर्मम तरीके से हत्या की गई थी। वह रोज की तरह खेतों में गए थे। हालाकि राकेश ट्रांसपोर्टर थे कोविड कॉल के दौरान काम धीमा होने पर गांव में रहकर पशुओं की देखरेख और चारा लाने का काम खुद करते थे। वह भोर पहर रोज की तरह खेत में गए थे। तभी उनकी हत्या की योजना बनाए गांव का तौफीक पीछे से पहुंचा। उसने योजना के अनुसार पास जाकर सिर में लोहे की राड से वार किया तो वह बेसुध होकर जमीन पर गिर गए। इसके चाकू से पेट फाड़ दिया था। राकेश कई घंटे घर नहीं पहुंचे तो बेटा शिवम खेतों की तरफ देखने गया। वहां चप्पल और हसिया एक खेत में पड़े थे कुछ दूरी पर दूसरी चप्पल पड़ी थी। खोजबीन के दौरान एक खेत में पिता का रक्तरंजित शव पड़ा था। ये देख शिवम ने घर में सूचना दी। साथ ही बुरी तरह से बिलखने लगा। मामले में शिवम की तहरीर पर नौ लोगों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई थी। सभी के विरूद्ध पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी।

मामले की सुनवाई एडीजे 6 दुर्गेश की कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने मुख्य आरोपी तौफीक को घटना का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व दो लाख 60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि तौफीक के पिता नसीम और भाभी राबिया को साक्ष्य छिपाने में चार वर्ष कैद और 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। सहायक शासकीय अधिवक्ता विवेक कुमार ने बताया कि अर्थदंड जमा न करने पर अभियुक्तों को तीन महीने अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। छह अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया है।

इश्क की राह में रोड़ा बनने पर की थी हत्या

मृतक राकेश के बेटे शिवम ने पुलिस को बताया था कि पड़ोस की एक महिला से तौफीक की नजदीकी थी। वह उससे मिलने उसके घर जाता था। कई बार रात में वह राकेश के बंद पड़े मकान से चढक़र महिला के घर में जाता था। राकेश इस बात का विरोध करते थे। वह तौफीक को कई बार समझा चुके थे कि सामाजिक रुप से ये ठीक नहीं है। वह जिस महिला के पास जाता था उसके बच्चे भी हैं। शिवम ने कोर्ट में बयान दिए कि पिता ने उसे हर तरह से समझाने की कोशिश की। तौफीक इससे रंजिश मानने लगा। उसने धमकी भी दी थी। इसी रंजिश में हत्या कर दी।

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