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पंजाब विधानसभा में मंगलवार को शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने बिजली बोर्ड के कर्मचारी संगठन का एक पत्र सदन में जारी करके बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। बाजवा ने भ्रष्टाचार, खनन समेत कई मामलों की जांच विधानसभा की संयुक्त कमेटी के माध्यम से करवाने की मांग की।इस मुद्दे पर सदन में खूब हंगामा हुआ। इस समय मुख्यमंत्री भगवंत मान सदन में मौजूद नहीं थे। भारी हंगामे के बीच आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं संसदीय कार्यमंत्री अमन अरोड़ा ने मंत्री ईटीओ को सदन में ही क्लीन चिट दे दी।
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने कहा कि पीएसपीसीएल की एक एसोसिएशन के अनुसार अधिकारियों को पैसे इकट्ठे करने के आदेश दिए गए थे। इस पैसे का प्रयोग दिल्ली चुनाव में होना था। बाजवा ने इंजीनियर एसोसिएशन की तरफ से जारी पत्र को सदन में सार्वजनिक किया। जिसके बाद बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ भड़क गए और कांग्रेस पर आरोप लगाए। इस पर कांग्रेस और आआपा विधायक कुर्सियां छोडक़र खड़े हो गए।
बाजवा ने कहा कि पूर्व विजिलेंस चीफ की एक रिपोर्ट के अनुसार 48 राजस्व अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। इन अधिकारियों ने उगाही के लिए अपने बंदे रखे हुए हैं। इसके बाद आम आदमी पार्टी के मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों के बीच बहस शुरू हो गई। आआपा पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा ने कहा कि मामला ध्यान में आया था। पैसा किस पार्टी के लिए इकट्ठा करने के लिए कहा गया, ये अभी तक साफ नहीं है। ऐसे में किसी एक पर इल्जाम लगाना सही नहीं है। उन्होंने इस दौरान मंत्री ईटीओ की तरफ से करप्शन के खिलाफ की गई कार्रवाई का हवाला भी दिया। अरोड़ा ने एक मामले का हवाला देकर बताया कि ईटीओ ऐसे मंत्री हैं, जिन्होंने लोगों की ली गई रिश्वत की राशि को वापस करवाया है। सदन में भारी हंगामे के बीच अमन अरोड़ा ने हरभजन सिंह ईटीओ को क्लीन चिट देते हुए कहा कि विजिलेंस ब्यूरो पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद सच्चाई सबके सामने आएगी।