
पैरों में सूजन और दर्द एक आम समस्या है, जो कई कारणों से उत्पन्न हो सकती है, जैसे शरीर में पानी की कमी, खराब रक्त संचार, गठिया, मांसपेशियों में खिंचाव, गर्भावस्था या हार्मोनल बदलाव, और असंतुलित आहार। अगर इस समस्या का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह और भी बढ़ सकती है। हालांकि, योग के नियमित अभ्यास से इस समस्या में राहत मिल सकती है, क्योंकि योग से रक्त संचार बेहतर होता है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और शरीर में लचीलापन आता है।
यहां कुछ प्रभावी योगासन दिए जा रहे हैं, जिन्हें करने से पैरों की सूजन और दर्द में राहत मिल सकती है:
1. ताड़ासन (Tadasana)

ताड़ासन पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए बहुत फायदेमंद है। इससे रक्त संचार में सुधार होता है और पैरों में सूजन कम हो सकती है।
कैसे करें अभ्यास
- सबसे पहले, सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को सिर के ऊपर खींचें।
- अब धीरे-धीरे एड़ियों को उठाएं और शरीर को ऊपर की ओर खींचें।
- इस स्थिति में 10-15 सेकंड तक रहें।
- फिर धीरे-धीरे अपने पैरों को नीचे करके पहले की अवस्था में वापस आएं।
- इसे 5-10 बार दोहराएं।
फायदे:
- पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- रक्त संचार में सुधार होता है।
- पैरों की सूजन में राहत मिलती है।
2. उत्तानासन (Uttanasana)

उत्तानासन एक आसन है, जो पैरों में खिंचाव लाता है और इससे दर्द को कम करने में मदद मिलती है। यह आसन रक्त संचार को बेहतर बनाता है और मांसपेशियों को लचीला बनाता है।
कैसे करें अभ्यास
- पैरों को जोड़कर खड़े हो जाएं।
- अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए शरीर को आगे की ओर झुका लें।
- हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें और पैरों के ऊपरी हिस्से को पकड़ने का प्रयास करें।
- इस मुद्रा में 20-30 सेकंड तक रहें।
- फिर धीरे-धीरे शरीर को सीधा करके वापस आ जाएं।
- इसे 5-10 बार करें।
फायदे:
- पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव आता है।
- रक्त संचार को बढ़ावा मिलता है।
- पैरों की सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
3. अधोमुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana)

अधोमुख श्वानासन पैरों में लचीलापन बढ़ाता है और दर्द से राहत देता है। यह आसन रक्त संचार को बेहतर बनाता है और पैरों की सूजन को कम करता है।
कैसे करें अधोमुख श्वानासन का अभ्यास
- सबसे पहले, अपने हाथों और पैरों के बल झुकें और शरीर को त्रिकोण के आकार में रखें।
- अपने पैरों को जमीन से सटाने की कोशिश करें और गर्दन को ढीला छोड़ दें।
- इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें।
- फिर धीरे-धीरे वापस अपनी सामान्य अवस्था में आएं।
- इसे 5-10 बार दोहराएं।
फायदे:
- पैरों में लचीलापन बढ़ता है।
- दर्द में राहत मिलती है।
- रक्त संचार में सुधार होता है।
4. वीरभद्रासन (Virabhadrasana)

वीरभद्रासन भी पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करता है।
कैसे करें अभ्यास
- सीधे खड़े होकर एक पैर को सामने लाकर दूसरा पैर पीछे रखें।
- दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सांस लें और शरीर को एक सीध में खींचें।
- इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक बने रहें।
- फिर धीरे-धीरे स्थिति से बाहर आकर दूसरी तरफ से अभ्यास करें।
फायदे:
- पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- रक्त संचार में सुधार होता है।
- पैरों की सूजन में कमी आती है।
5. पदहस्तासन (Padahastasana)

पदहस्तासन एक योगासन है जो पैरों में लचीलापन लाता है और दर्द में राहत देता है।
कैसे करें अभ्यास
- पैरों को जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं।
- अब धीरे-धीरे आगे झुकते हुए हाथों से पैरों को पकड़ने की कोशिश करें।
- इस स्थिति में 15-20 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे वापस अपनी सामान्य अवस्था में आएं।
फायदे:
- पैरों में लचीलापन बढ़ता है।
- रक्त संचार में सुधार होता है।
- सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
6. सुप्त बद्ध कोणासन (Supta Baddha Konasana)

सुप्त बद्ध कोणासन पैरों की सूजन को कम करने के लिए बहुत प्रभावी है। यह आसन पूरे शरीर को आराम देने के साथ-साथ पैरों की मांसपेशियों को भी शांति देता है।
कैसे करें अभ्यास
- अपनी पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को जोड़ें।
- घुटनों को बाहर की ओर खोलें और पैरों के तलवों को एक दूसरे से सटा लें।
- हाथों को शरीर के किनारे रखें और शरीर को पूरी तरह से आराम दें।
- इस स्थिति में 5-10 मिनट तक रहें और फिर धीरे-धीरे स्थिति से बाहर आएं।
फायदे:
- पैरों की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
- सूजन और दर्द में कमी आती है।
- रक्त संचार बेहतर होता है।