होमगार्ड विभाग में ड्यूटी का फर्जीवाड़ा, छुट्टी का वेतन देकर वापस लिया, कहा-गलती हुई

लखनऊ : उत्तर प्रदेश होमगार्ड संगठन की स्‍थापना समाज में शान्ति व्‍यवस्‍था एवं आन्‍तरिक सुरक्षा स्‍थापित रखने हेतु निष्‍काम सेवा के उदृदेश्‍य से की गयी थी। लेकिन मुख्यालय में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। ड्यूटी न करने के बावजूद फर्जी ड्यूटी दिखाकर सरकारी पैसों की बंदरबाट का खेल सामने आया है, जो चिंता में डालने वाला है। क्या इसकी जांच होगी?

होमगार्ड अतुल सिंह का कहना है कि 10 जून 2024 को पिता की मृत्यु के बाद मां का स्वस्थ ख़राब रहने लगा। उनकी देखभाल के लिए उन्होंने एक साल तक ड्यूटी करने में असमर्थता जाहिर की। इस बाबत उन्होंने जिला कमांडेंड लखनऊ के यहां प्रार्थना पत्र दिया और छुट्टी पर चले गए। अतुल सिंह का कहना है कि छुट्टी पर रहने के बाबजूद उनके खाते में तीन महीने तक वेतन आता रहा।

हर महीने वेतन आने पर एक से दो घंटे के अन्दर जिला कामडेंड लखनऊ कार्यालय में तैनात बाबू लक्ष्मी यादव द्वारा अतुल को फोन किया जाता। फोन पर कहा जाता कि आपके खाते में धोखे से वेतन चला गया है। और पैसा कैश में वापस जमा करने को कहा जाता। इस तरह क्रमश: 27,000, रुपये 28, 400 और तीसरे माह का 27,500 रुपया क्रमश: खाते में डाला गया और उसे कैश में वापस लिया जाता रहा।

अतुल सिंह यह मानकर चल रहे थे कि कार्यालय की गलती से यह पैसा खाता में आ जाता होगा, जिसे वो आफिस में वापस जमा कराते रहे। चोरी तो पकड़ में आनी ही थी। चौथे महीने, शिकायत कर्ता अतुल सिंह का माथा तब ठनका जब उन्होंने होमगार्ड ऐप पर देखा कि हर महीनें उनकी उपस्थिति दिखाई गई है। अतुल सिंह ने इस मामले की शिकायत अपने कार्यालय में की। यहां जब कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उनका शक गहरा हुआ कि कहीं कुछ गड़बड़ है। फिर उन्होंने मुख्य मंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराते हुए न्याय की मांग की।

जब इस मामले में जिला कमांडेंड अमरेश वर्मा से बात की गई तो उनका कहना था कि अतुल सिंह ने मुख्यालय में एसएसओ राजकुमार आज़ाद की देख रेख में ड्यूटी की है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अतुल सिंह की जीडी पर हस्ताक्षर भी हैं। शिकायत कर्ता अतुल सिंह ने इस कहा है विभाग के स्टाफ ने उनसे तीन बार हस्ताक्षर कराए थे।

उन्होंने कहा कि अगर मैं झूठ बोल रहा हूं तो मेरे हस्ताक्षर की जांच कर ली जाए। शिकायतकर्ता असमंजस में है और वो समझ नहीं पा रहा कि छुट्टी पर रहने के बाद भी उसके नाम से तनख्वाह जारी की गई और फिर यह कहकर वापस ले लिया गया कि गलती से खाते में पैसा चला गया था..साइन भी करा लिया गया। बहरहाल, विभाग साबित करने में लगा है कि अतुल सिंह ने ड्यूटी की है और उसका पैसा जारी हुआ है। अतुल इससे साफ इंकार करते हैं वो छुट्टी पर रहने का रट लगा रहे। अब उन्हें सीएम आफिस से न्याय मिलने की उम्मीद है।

बताया जा रहा है कि इससे पहले भी मुख्य सचिव आवास ऑफिस की ड्यूटी के फर्जीवाड़े का खेल 2019 में सामने आया था। बताया जाता है कि होमगार्डों के मस्टररोल के नाम पर खेल करने वालों के तार होमगार्ड विभाग के मुख्यालय से जुड़े हो सकते हैं। इसकी जांच होगी तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा।

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