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भास्कर ब्यूरो
- भूमाफियाओं से सरकारी जमीनें बचाने में राजस्व प्रशासन नाकाम
- व्यक्तिगत खुन्नस में गरीब किसान की फसल नष्ट करने का आरोप
फतेहपुर : राजस्व प्रशासन की निष्क्रियता व राजस्वकर्मियों को मिलीभगत से जनपद में भूमाफियाओं की मौज है। पूरे शहर में आधा सैकड़ा से अधिक बिना ले आउट के अवैध प्लाटिंग संचालित हो रही हैं। शहर के ज्वालागंज तालाब, शादीपुर सहित कई तालाबों को भूमाफियाओं ने बेच दिया। मुराइन टोला तालाब, सैय्यदवाडा तालाब सहित कई तालाब लगातार कब्जा हो रहे हैं।
बता दें कि मलाका में 57 बीघे पशुचर की जमीन बिक गई, हाजीपुर छीटा में तालाबी, पशुचर और शत्रु संपत्ति की लगभग बीस बीघे जमीन बिक गई, जहां सैकड़ों लोगों को बैनामा कर फंसा दिया गया। खंभापुर में बेखौफ भूमाफियाओं ने पशुचर की जमीन में प्लाटिंग कर दी, यहां भी सैकड़ों लोग बैनामा लिए अपनी जमीन तलाश रहे हैं।
शहर क्षेत्र में भूमाफियाओं पर राजस्व प्रशासन मेहरबान है और तहसील के अधिकारी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं, उन्हें सरकारी जमीनें बचाने में कोई रुचि नहीं है। किसी भी सरकारी जमीन के प्रकरण की जानकारी लेने की कोशिश करो तो नायब और तहसीलदार के सरकारी नंबर अधिकतर बंद मिलेंगे या उठेंगे नहीं। जबकि एसडीएम का रटा रटाया जवाब होता है कि प्रकरण की जानकारी नहीं है फिर भी योगी राज में ऐसे अकर्मण्य अधिकारी सदर एसडीएम के चार्ज पर हैं। एक तरह लेखपाल और कानून गो सरकारी जमीनें भूमाफियाओं से बचा नहीं पा रहे, दूसरी तरफ मनमानी भी कर रहे हैं।
बता दें कि सोमवार को ग्राम गडरियन पुरवा मजरे तेलियानी के हरिशंकर ने आरोप लगाते हुए, डीएम रविंद्र सिंह को शिकायती पत्र देकर बताया कि उसको गडरियन पुरवा मजरे तेलियानी गांव में एक जमीन का आवंटन हुआ था जिस पर वह वर्षों से फसल बोता चला आ रहा है। जब उसे जानकारी हुई कि उसका आवंटन रद्द कर दिया गया है तो उसने रेस्टोरेशन का वाद तहसीलदार की न्यायालय में डाला था जो विचाराधीन है, जिसकी प्रश्नोत्तरी भी दोनो को दिखाया। इसके बावजूद लेखपाल और कानूनगो ने बिना किसी न्यायालय के आदेश के उसकी खड़ी फसल को पुलिस बल के साथ बुलडोजर चलवाकर नष्ट करवा दिया। उसका परिवार दोनों के आगे रोता, गिड़गिड़ाता रहा लेकिन दोनों ने एक नहीं सुनी।
गरीब किसान हरिशंकर ने कहा कि अगर न्यायालय से उसका मुकदमा समाप्त होकर कब्जा बेदखली का आदेश हो जाता तो ठीक था लेकिन उसकी खड़ी फसल लेखपाल और कानूनगो ने व्यक्तिगत खुन्नस में नष्ट करवा दी। उसने उच्चाधिकारियों से दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले को लेकर जब नायब तहसीलदार और तहसीलदार से बात करने का प्रयास किया गया तो सोमवार को भी दोनों के सरकारी नंबर बंद मिले। जबकि एसडीएम प्रदीप रमन ने हमेशा की तरह रटा रटाया जवाब दिया कि उन्हें प्रकरण की कोई जानकारी नहीं।