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मिहींपुरवा/बहराइच l कतर्निया घाट में पर्यटकों के अभ्यारण के दौरान लगातार बाघ, तेंदुआ, हिरण दिखाई दे रहे हैं। इसी क्रम में पक्षी प्रेमियों में भी एक खुशी की लहर दौड़ी है की विलुप्त होती पक्षीयो में गिद्ध प्रजाति के पक्षी का जमावड़ा एक सेमल के पेड़ पर देखकर लोगों ने काफी प्रसन्नता व्यक्ति की तथा कतर्निया घाट में गिद्ध की संख्या भी काफी दिखाई पड़ रही है।
यह प्राकृतिक सफाई कर्मी है जो जंगलों में इधर-उधर मरे जानवरों की सफाई कर पर्यावरण को शुद्ध करते हैं। यह जानकारी बहुत रोचक और प्रेरणादायक है। कतर्निया घाट के बारे में सुनकर यह स्पष्ट होता है कि यह स्थान जैविक विविधता से भरपूर है, जहाँ एक ओर बाघ, तेंदुआ और हिरण जैसे शानदार वन्यजीव दिखाई दे रहे हैं। गिद्धों का वापसी करना एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि ये पक्षी पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
गिद्धों का मुख्य कार्य मरे हुए जानवरों को खाने के रूप में प्राकृतिक सफाईकर्मी की भूमिका निभाना है, जिससे जंगल और पर्यावरण साफ और स्वस्थ रहता है। यह न केवल प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि अन्य जीवों के लिए भी एक स्वस्थ जीवनशैली को सुनिश्चित करता है।