अगर इन लक्षणों को किया नज़रअंदाज़… तो नवजात बच्चों को हो सकती हैं गंभीर बीमारी

लखनऊ डेस्क: नवजात बच्चों की देखभाल में माता-पिता को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि शिशु अपनी भावनाओं और परेशानियों को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। उसकी गतिविधियों से ही उसके स्वास्थ्य के बारे में समझा जा सकता है। अगर बच्चे में कोई असामान्य लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि नवजात शिशु बहुत नाजुक होते हैं और उनकी देखभाल में लापरवाही गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है।

नवजात के हर छोटे-से बदलाव पर ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण है। कभी-कभी कुछ मामूली लक्षणों को अनदेखा कर दिया जाता है, जो बाद में गंभीर बीमारियों का संकेत बन सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर बच्चा अधिक नींद में रहता है, दूध नहीं पीता या बार-बार कमजोरी महसूस करता है, तो ये चिंता का विषय हो सकता है। ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर समस्या का समाधान करें।

डॉक्टर से जानें कि क्या करें:

यशोदा अस्पताल की वरिष्ठ नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपिका रस्तोगी कहती हैं कि अगर बच्चे को बुखार हो, खासकर 100 डिग्री से अधिक, तो इसे हल्के में न लें। यह किसी संक्रमण का संकेत हो सकता है, विशेष रूप से जन्म के पहले महीने में यह बहुत खतरनाक हो सकता है।

इसके अलावा, अगर बच्चा अचानक अधिक प्यासा महसूस करे तो डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा निम्नलिखित स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से मिलना जरूरी है:

  1. सांस लेने में समस्या: अगर बच्चा बहुत तेज़ी से सांस ले रहा है, उसकी नाक से सीटी जैसी आवाज आ रही है या सांस लेते समय नथुने फूल रहे हैं, तो यह निमोनिया या फेफड़ों से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है।
  2. बार-बार उल्टी होना: अगर बच्चा दूध पीने के बाद बार-बार उल्टी कर रहा है या उल्टी का रंग हरा है, तो यह आंतों की समस्या का संकेत हो सकता है। लगातार उल्टी से डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  3. झटके आना या शरीर अकड़ना: अगर बच्चा बार-बार झटके खा रहा है, अचानक आंखें घुमा रहा है या शरीर अकड़ रहा है, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
  4. बहुत ज्यादा रोना या बिल्कुल न रोना: अगर बच्चा लगातार रो रहा है और चुप नहीं हो रहा या बिल्कुल शांत पड़ा है और रो भी नहीं रहा, तो यह किसी गंभीर तकलीफ का संकेत हो सकता है।
  5. पेशाब और मल में दिक्कत: अगर बच्चा 24 घंटे में एक बार भी पेशाब नहीं कर रहा, मल का रंग सफेद या काला है, या उसे बहुत ज्यादा कब्ज हो रहा है, तो यह पाचन या किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है।

इन सभी संकेतों को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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