महाकुंभ के वीकेेंड में महाभीड़, महाशिवरात्रि पर क्यों है खास स्नान

महाकुंभ : 27 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व है और साथ ही महाकुंभ का आखिरी पड़ाव भी है। शिवरात्रि के दिन महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान है। आखिरी स्नान पर श्रद्धालुओं का रेला प्रयागराज के लिए बड़ी संख्या में घरों से निकल चुके हैं। जिसके चलते आज महाकुंभ मेले में आखिरी वीकेंड के दूसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज में पहुंचे हैं। जिससे एक बार फिर प्रयागराज की सड़कों पर 25 किलोमीटर लंबा जाम देखने को मिल रहा है। श्रद्धालुओं के साथ आम लोगो को परेशानी हो रही है। यह जाम खासकर मध्य प्रदेश के रीवा, उत्तर प्रदेश के कानपुर और वाराणसी में देखने को मिला है। यहां वाहनों की लंबी कतारें दिख रही हैं। जाम की यह स्थिति महाशिवरात्रि पर्व के ठीक तीन दिन पहले हो गई है। ऐसे में महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भीड़ का आंकलन करना काफी कठिन है।

बता दें कि शनिवार को एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्‍था की डुबकी लगाई थी। रविवार को यह संख्या और भी बढ़ गई है। जिससे आज सुबह से ही प्रयागराज शहर और हाईवे पर भीषण जाम लगा हुआ है। जाम को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने डायवर्जन प्लान लागू कर दिया है। प्रशासन द्वारा कोखराज बाईपास से फाफामऊ बेला कछार पार्किंग तक सभी गाड़ियों को डायवर्ट किया जा रहा है। इससे श्रद्धालु आसानी से महाकुंभ पहुंच सकें और स्नान कर सकें। वहीं श्रद्धालुओं के वाहन संगम तट से 10 किलोमीटर पहले ही रोके जा रहे हैं। वहां से लोगों को घाट के लिए पैदल ही रवाना कि‍या जा रहा है।

आखिर महाकुंभ में महाशिवरात्रि पर क्यों हो रही महाभीड़

महाकुंभ के आखिरी अमृत स्नान पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ रहा है। जिसका कारण है कि महाशिवरात्रि पर खास योग बन रहा है। जिससे आखिरी स्नान के लिए लोग बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं। कुंभ के आखिरी विकेंड में ज्यादा लोगों के पहुंचने का एक कारण ये भी है कि अब कुंभ का समापन हो रहा है, जिससे जिन लोगों ने अभी तक अमृत स्नान नहीं किया है वो अब कुंभ स्नान के लिए संगम पहुंच रहे हैं। हालांकि प्रमुख कारण महाशिवरात्रि पर्व को माना जा रहा है। प्रयागराज में महाशिवरात्रि पर शिवजी की विशेष पूजा की जाती है।

प्रयागराज के महाकुंभ से भगवान शंकर की एक कथा जुड़ी हुई है। जिसमें भगवान शिव ने अमृत मंथन से निलने वाला विष पी लिया था और तभी से शिवजी नीलकंड कहलाने लगे। वह भगवान शिव ही थे जिनके कारण आज करोड़ों लोग महाकुंभ में अमृत स्नान कर रहे हैं। इसलिए महाकुंभ की शुरुआत खिचड़ी पर्व और समापन महाशिवरात्रि के दिन होता है। शिवरात्रि के दिन कुंभ स्नान करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

इसके अलावा, महाशिवरात्रि के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शुद्धता प्राप्त होती है। माना जाता है कि इस दिन किए गए स्नान से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिवजी की पूजा और स्नान से भक्तों को शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कुंभ के समय यह स्नान और पूजा अधिक फलदायक मानी जाती है, क्योंकि इस समय ब्रह्मा, विष्णु और शिव की विशेष उपासना होती है।

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