Maha Kumbh Footage Scandal: टेलीग्राम पर महिलाओं के स्नान के वीडियो 2,000 रुपये में बेचते थे, क्यूआर कोड का करते थे इस्तेमाल…जाने पूरी कहानी

गुजरात पुलिस ने राजकोट स्थित एक अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज को यूट्यूब और टेलीग्राम पर अपलोड कर बेचने के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में प्रयागराज के चंद्रप्रकाश फूलचंद, महाराष्ट्र के प्रज्वल अशोक तेली और सांगली के प्रज राजेंद्र पाटिल शामिल हैं। इन तीनों आरोपियों पर महिलाओं के आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उन्हें टेलीग्राम ग्रुप पर बेचने का आरोप है।

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने सीसीटीवी फुटेज हासिल करने के लिए अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों से अवैध तरीके से रिकॉर्डिंग की थी। इन फुटेज को आरोपी टेलीग्राम ग्रुप पर क्यूआर कोड फॉर्मेट में बेचते थे और हर फुटेज को 2,000 रुपये में बेचा जाता था। गिरफ्तार आरोपियों में से दो, तेली और पाटिल, नीट की तैयारी कर रहे थे, जबकि चंद्रप्रकाश एक मनरेगा मजदूर का बेटा है।

महाकुंभ के वीडियो भी मिले चंद्रप्रकाश के चैनल पर

पूछताछ में यह भी सामने आया कि चंद्रप्रकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर महाकुंभ के दौरान महिलाओं के स्नान और कपड़े बदलने के वीडियो अपलोड किए थे। इसके अलावा, चंद्रप्रकाश के चैनल पर 55 से 60 महाकुंभ से संबंधित वीडियो अपलोड किए गए थे। यह वीडियो महिलाओं की निजता का उल्लंघन करते हुए अपलोड किए गए थे, जो पुलिस जांच में सामने आया।

बड़े रैकेट के होने की संभावना

पुलिस को लगता है कि इस मामले में कोई बड़ा रैकेट भी शामिल हो सकता है, क्योंकि यह मामला सिर्फ एक अस्पताल तक सीमित नहीं लगता। हालांकि, फिलहाल पुलिस ने आरोपी चंद्रप्रकाश, तेली और पाटिल को एक मार्च तक हिरासत में भेज दिया है और मामले की गहन जांच जारी है।

कैसे शुरू हुआ मामला?

यह पूरा मामला उस वक्त सामने आया जब राजकोट स्थित एक अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज यूट्यूब पर अपलोड किए गए थे। जांच के दौरान यह पता चला कि कुछ हैकर्स ने अस्पताल के सीसीटीवी सिस्टम में सेंध लगाकर वीडियो फुटेज को हासिल किया था, जिसके बाद उसे यूट्यूब और टेलीग्राम पर अपलोड किया गया।

इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों से अब तक जो जानकारी मिली है, उससे साफ होता है कि आरोपी काफी संगठित तरीके से महिलाओं की निजता का उल्लंघन कर पैसे कमा रहे थे। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है कि इस तरह के वीडियो बेचे जाने के पीछे कोई बड़ा रैकेट तो शामिल नहीं है।

पूरे मामले में जल्द होंगे और भी खुलासे

अब पुलिस का ध्यान इस बात पर है कि इस रैकेट में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, और क्या यह एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है। पुलिस की जांच जारी है, और आरोपी से और जानकारी हासिल करने के बाद मामले में और खुलासे हो सकते हैं।

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